हिन्दू कैलेंडर के अनुसार श्रावण या सावन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नागपंचमी (Nag Panchami) का त्योहार मनाया जाता है।
हिंदू धर्म में देवी-देवताओं के साथ ही उनके वाहनों और प्रतीकों की पूजा-अर्चना करने की भी परंपरा है। नाग पंचमी (Nag Panchami) भी ऐसा ही एक पर्व है जिसमें सांप या नाग को देवता (Nag Devta) मानकर उनकी पूजा की जाती है। नाग पंचमी के दिन सांपों को दूध भी पिलाते हैं। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार श्रावण या सावन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नागपंचमी का त्योहार मनाया जाता है। अंग्रेजी कैलेंडर के मुताबिक नागपंचमी (Nag Panchami) हर साल जुलाई या अगस्त महीने में पड़ता है। इस बार नाग पंचमी 5 अगस्त को है।
इस बार नाग पंचमी (Nag Panchami) में क्या है खास?
इस बार नाग पंचमी की खास बात यह है कि ये पर्व सोमवार के दिन पड़ रहा है। सोमवार को देवाधिदेव महादेव का दिन माना गया है। यही वजह है कि सोमवार के दिन पड़ने से इस बार की नाग पंचमी का महत्व और बढ़ गया है।
नाग पंचमी (Nag Panchami) का महत्व
हिंदू धर्म में नाग को देवता की संज्ञा दी गयी है और उनकी पूजा का विधान है। दरअसल, आदि देव भगवान शिव शंकर के गले का हार और सृष्टि के पालनकर्ता श्री हरि विष्णु की शैय्या माने जाने के कारण हिन्दू धर्म में नाग को पूजा जाता है। ऐसा माना जाता है कि अगर नाग देवता को दूध पिलाया जाए और उनकी पूजा-अर्चना की जाए तो वे किसी को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं। यही नहीं कुंडली दोष को दूर करने के लिए भी नागपंचमी का विशेष महत्व है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली में अगर काल सर्प दोष हो तो नाग पंचमी (Nag Panchami) के दिन नाग देवता की पूजा और रुद्राभिषेक करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से इस दोष से मुक्ति मिल जाती है।
नाग पंचमी (Nag Panchami) की तिथि और शुभ मुहूर्त
नाग पंचमी की तिथि: 05 अगस्त 2019
नाग पंचमी तिथि : 04 अगस्त 2019 की रात 12 बजकर 19 मिनट से 05 अगस्त 2019 को रात 09 बजकर 25 मिनट तक
नाग पंचमी पूजा का मुहूर्त: 05 अगस्त 2019 को सुबह 06 बजकर 29 मिनट से सुबह 08 बजकर 41 मिनट तक
नाग पंचमी (Nag Panchami) की पूजा विधि
– नाग पंचमी के दिन सुबह स्नान करने के बाद घर के दरवाजे पर पूजा के स्थान पर गोबर से नाग बनाएं।
– मन में व्रत का सकंल्प लें।
– नाग देवता का आह्वान कर उन्हें बैठने के लिए आसन दें।
– फिर जल, पुष्प और चंदन समर्पित करें।
– दूध, दही, घी, शहद और चीनी का पंचामृत बनाकर नाग प्रतिमा को स्नान कराएं।
– इसके बाद प्रतिमा पर चंदन, गंध से युक्त जल चढ़ाना चाहिए।
– फिर लड्डू और मालपुए का भोग लगाएं।
– फिर सौभाग्य सूत्र, चंदन, हरिद्रा, चूर्ण, कुमकुम, सिंदूर, बेलपत्र, आभूषण, पुष्प माला, सौभाग्य द्र्व्य, धूप-दीप, ऋतु फल और पान का पत्ता चढ़ाने
के बाद आरती करें।
– नाग पंचमी (Nag Panchami) की पूजा का मंत्र इस प्रकार है: “ऊँ कुरुकुल्ये हुं फट स्वाहा”।
– शाम के समय नाग देवता की फोटो या प्रतिमा की पूजा कर व्रत तोड़ें और फलाहार ग्रहण करें।