अफगानिस्तान की राजधानी काबुल बुधवार सुबह एक कार बम धामके से दहल गई, जिसमें 14 लोगों की मौत हो गई और 145 लोगों गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि आसमान में धुएं की चादर फैल गई और घटनास्थल से करीब एक किलोमीटर दूर की दुकानों के शीशे भी टूट गए। अफगानिस्तान के आंतरिक मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी है।
गृह मंत्रालय के प्रवक्ता नसरत रहीमी ने बताया कि विस्फोट पश्चिमी काबुल में स्थानीय समयानुसार सुबह करीब नौ बजे तब हुआ, जब एक जांच के लिए पुलिस मुख्यालय के बाहर एक गाड़ी को रोका गया। स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता वहीदुल्ला मेयर ने बताया कि चार सैनिकों सहित 14 लोगों की मौत हो गई और 145 घायल हो गए, जिनमें से 92 आम लोग हैं। घायलों में ज्यादा संख्या महिलाओें और बच्चों की है। इस हमले की जिम्मेदारी तालिबान ने ली है।
धमाके के बाद गोलीबारी
एक दुकानदार अहमद सालेह ने बताया कि मैंने धमाके की आवाज सुनी, मेरी दुकान के सभी खिड़कियों के शीशे टूटकर बिखर गए। एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि धमाके बाद से मेरा सिर घूम रहा है और अब भी मुझे नहीं पता कि क्या हुआ। घटना से करीब एक किलोमीटर तक की तकरीबन 20 दुकानों की खिड़कियों के शीशे टूट गए, कई इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं। सोशल मीडिया पर चल रही एक वीडियो और प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, विस्फोट के बाद छोटे हथियारों से गोलीबारी की आवाज सुनी गई। अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार-बुधवार की रात को अफगान कमांडो ने इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों के एक ठिकाने को निशाना बनाया।
वार्ता के दो दिन बाद विस्फोट
अफगानिस्तान में 28 सितंबर को होने वाले चुनाव के मद्देनजर अमेरिका और तालिबान के बीच चल रही वार्ता के साथ ही हिंसा बढ़ गई है। तालिबान ने विस्फोट उस वक्त किया है, जब दो दिन पूर्व कतर की राजधानी दोहा में तालिबान के साथ संयुक्त राज्य अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि जल्माय खलीलजाद की 8वें चरण की वार्ता संपन्न हुई। खलीलजाद ने इस शांति वार्ता को बहुत सकारात्मक बताया था। इस मौके पर उन्होंने कहा था कि अमेरिका किसी भी हाल में अफगानिस्तान की धरती पर तालिबान नियंत्रण वाले क्षेत्र और अंतरराष्ट्रीय आतंववाद का अड्डा नहीं बनने देगा।