रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह: एटमी हथियार पहले इस्तेमाल करना हमारी नीति नहीं; आगे क्या होगा, यह हालात तय करेंगे

जोधपुर. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा- ‘नो फर्स्ट यूज’ आज तक हमारी न्यूक्लियर पॉलिसी यही है। भविष्य में क्या होगा, वो सब परिस्थितियों पर निर्भर करता है। सिंह ने पोकरण में देश के दूसरे परमाणु बम परीक्षण स्थल पर पहुंचकर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बिहारी वाजपेयी को उनकी प्रथम पुण्य तिथि पर नमन किया। उन्होंने कहा- पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी की बदौलत आज हमारा देश परमाणु शक्ति संपन्न है।

जैसलमेर आए राजनाथ सिंह अचानक पोकरण स्थित शक्ति स्थल पर पहुंचे। उन्होंने कहा- वाजपेयी जी का जज्बा था कि अंतरराष्ट्रीय दबाव को दरकिनार कर उन्होंने इन परीक्षणों को करने की हामी भरी। ऐसे में आज मेरा जैसलमेर आना सार्थक हो गया। पोकरण पहुंचकर वाजपेयी जी को याद करने से बेहतर तरीका कोई हो ही नहीं सकता था।

भारतीय सैन्य टुकड़ी को सम्मानित किया
इससे पहले रक्षा मंत्री ने जैसलमेर के सैन्य क्षेत्र में आयोजित समारोह में अंतरराष्ट्रीय स्काउट मास्टर्स प्रतियोगिता में विजयी रही भारतीय सैन्य टुकड़ी को सम्मानित किया। भारतीय सेना ने इस प्रतियोगिता में पहली बार हिस्सा लिया। इसमें चीन और रूस समेत आठ देशों की सेना ने हिस्सा लिया। सिंह ने कहा- किसी भी सेना के लिए रणनीति को कुशलता से लागू कर दुश्मन पर हावी होना महत्वपूर्ण होता है। सभी सैनिकों ने यहां बेहतरीन युद्ध कौशल दर्शाया। इन आयोजनों से सभी को एक-दूसरे से कुछ सीखने को मिलता है।

दस माह से तैयारी कर रही थी सेना
इस आयोजन की जिम्मेदारी सेना ने अपनी दक्षिणी कमान को सौंपी थी। दस माह से इसके लिए एक टीम का चयन कर तैयारियां शुरू कर दी गई थीं। सेना के जवान रेगिस्तान की विषम परिस्थितियों में इसकी तैयारी में जुटे रहे।अंतरराष्ट्रीय आर्मी स्काउट प्रतियोगिता वास्तव में युद्ध क्षेत्र में बेहतरीन कौशल को जांचने-परखने की स्पर्धा है। इसमें चीन, रूस, आर्मेनिया, बेलारूस, कजाकिस्तान, सूडान, उज्बेकिस्तान व भारतीय सेना की टुकड़ियों ने हिस्सा लिया।

कई बाधाएं पार करनी होती हैं
आयोजन में जैसलमेर में इंफ्रेंट्री कॉम्बैट व्हीकल के लिए छह किलोमीटर की दूरी में पंद्रह बाधाएं बनाई गईं। पैदल सेना के लिए 1.3 किलोमीटर की दूरी में अलग-अलग तरह की 22 बाधाएं खड़ी की गईं। स्पर्धा में इन सभी बाधाओं को कुशलता के साथ पार करने वाली सेना को विजेता घोषित किया जाता है। प्रत्येक बाधा को पार करने के तौर-तरीकों के आधार पर एक अंतरराष्ट्रीय जज का पैनल अंक प्रदान करता है। इन सभी में भारतीय सेना अव्वल रही।

    ssss

    Leave a Comment

    Related posts