इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक पर आरोप है कि उसने मलेशिया में हिंदुओं और चीन के लोगों पर नस्ली टिप्पणी की. जिसके बाद से ही मलेशिया में उसके खिलाफ कार्रवाई की मांग उठ रही है.
नई दिल्ली: विवादित इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक के खिलाफ मलेशियाई प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए उसके तकरीर देने पर रोक लगा दी है. मलेशियाई मीडिया रिपोर्ट्स में जाकिर के खिलाफ कार्रवाई के दावे किए गए हैं.
रॉयल मलेशिया पुलिस हेड ऑफ कॉर्पोरेट कम्युनिकेशंस असमावती अहमद ने मीडिया रिपोर्ट्स में किये जा रहे दावों की पुष्टि की है. उन्होंने कहा, “हां, ऐसा आदेश पुलिस को दिया गया है, और यह राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में और नस्लीय सौहार्द बनाए रखने के लिए किया गया.”
भारत से फरार जाकिर नाइक ने हाल ही में हिंदुओं और चीनियों के खिलाफ नस्ली टिप्पणी की थी. जिसके बाद उसे तलब किया गया था. मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने भी बयान दिया. उन्होंने कहा कि उसे देश में राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होने की इजाजत नहीं है.
जाकिर नाइक ने हाल ही में कहा था, ”मलेशिया में हिंदुओं को भारत में मुस्लिम अल्पसंख्यक की तुलना में “100 गुना अधिक अधिकार” हैं.” सीआईडी के निदेशक हुजीर मोहम्मद ने बताया कि जाकिर दंड संहिता की धारा 504 के तहत अपना बयान देने के लिए बुकित अमन आने वाला है. यह धारा शांति भंग करने के लिए उकसाने की मंशा के साथ जानबूझकर अपमान करने से जुड़ी हुई है. खबर में बताया गया कि 53 वर्षीय उपदेशक ने पहली बार 16 अगस्त को अपना बयान दर्ज कराया था.
जाकिर नाइक ने साल 2016 में भारत से फरार होने के बाद मलेशिया में शरण ली थी और वहां उसे स्थायी निवासी का दर्जा मिला. भारत सरकार उसके प्रत्यर्पण के लिए लंबे समय से प्रयासरत है. भारत में उसके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग और भड़काऊ बयान देने को लेकर कई केस दर्ज हैं. भारतीय एजेंसियों ने साल 2016 में नाइक के इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन पर छापेमारी के बाद उसपर प्रतिबंध लगा दिया था. इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन पर समाज में नफरत फैलाने का आरोप है.