खमैनी का बयान अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता की पेशकश के बाद आया है. ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से टकराव का मुद्दा रहे कश्मीर की ‘विस्फोटक’ स्थिति पर एक बार फिर मध्यस्थता की पेशकश की है.
नई दिल्ली: भारत की ओर से जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने और उसे दो केंद्र शासित प्रदेश में बांटे जाने के फैसले के दो सप्ताह बाद ईरान के शीर्ष नेता अयातुल्लाह सईद अली खमैनी ने कश्मीर में मुस्लिम समुदाय की स्थिति को लेकर चिंता जाहिर की है. खमैनी ने कहा कि ईरान भारत सरकार से ‘कश्मीर के लोगों के प्रति न्यायपूर्ण नीति अपनाने’ की उम्मीद करता है. उन्होंने ट्वीट किया, “हम कश्मीर में मुस्लिमों की स्थिति के बारे में चिंतित हैं… भारत के साथ हमारे संबंध अच्छे हैं, परंतु हम भारत सरकार से कश्मीर के भले लोगों के प्रति न्यायपूर्ण नीति अपनाने और इस इलाके में मुस्लिमों पर ज़ुल्म और अत्याचार से बचने की उम्मीद करते हैं…”
ईरानी नेता ने कश्मीर के मौजूदा हालात के लिए ब्रिटेन को भी ज़िम्मेदार बताया. उन्होंने ट्वीट में लिखा, “कश्मीर की मौजूदा स्थिति और भारत व पाकिस्तान के बीच उसे लेकर विवाद ब्रिटिश सरकार के उन विद्वेषपूर्ण कदमों का परिणाम हैं, जो उन्होंने भारतीय उपमहाद्वीप को छोड़ते हुए उठाए थे… ब्रिटेन ने यह घाव जानबूझकर इस इलाके में छोड़ दिया था, ताकि कश्मीर में संघर्ष जारी रहे…”