नई दिल्ली. कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी को जल्द ही पूरे उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाया जा सकता है। न्यूज एजेंसी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। वे अभी पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी हैं। जबकि पश्चिम उप्र का प्रभार ज्योतिरादित्य सिंधिया के पास है। प्रियंका राज्य में संगठन को लेकर भी व्यापक बदलाव कर सकती हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले प्रियंका को पार्टी का महासचिव नियुक्त किया गया था। लोकसभा चुनाव में पार्टी को एक सीट पर जीत मिली थी।
सूत्रों ने न्यूज एजेंसी को बताया कि पार्टी ने फैसला किया है कि उप्र में नया प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया जाएगा। राज्य में मौजूदा पार्टी अध्यक्ष राज बब्बर हैं। कांग्रेस की प्रदेश टीम पहले के जैसे बड़ी नहीं होगी। इस बार कमेटी पहले की तुलना में 10 गुना छोटी होगी। कमेटी के सदस्यों की औसत उम्र 40 साल होगी। नई टीम में युवा और ऊर्जावान चेहरों को जगह दी जाएगी। चुनाव में शर्मनाक हार के बाद कांग्रेस ने अपनी जिला इकाई भंग कर दी थी। पार्टी पिछले तीन महीनों से संगठन के लिए काम कर रही है।
पार्टी की नजर 2022 के विधानसभा चुनाव पर
सुत्रों के मुताबिक, हर जिले में एक महिला कार्यकर्ता को बतौर उपाध्यक्ष नियुक्त किया जाएगा। दलित और ओबीसी नेताओं को भी पर्याप्त जगह दी जाएगी। हर किसी को कार्य करने के लिए लक्ष्य दिए जाएंगे। पार्टी की नजर 2022 के विधानसभा चुनाव पर है। प्रियंका ने प्रदेश में कांग्रेज को पुनर्जीवित करने के लिए राज्य भर के नेताओं से मुलाकात की। शुक्रवार को भी उन्होंने प्रदेश के एक वरिष्ठ नेता से मुलाकात की थी। अखिल भारतीय कांग्रेस के सचिव भी इस समय दौरे पर हैं।
बताया जा रहा है कि पहले पश्विमी उत्तर प्रदेश में जिला अध्यक्षों की नियुक्ति राज्य के नए प्रदेश अध्यक्ष करेंगे। बाद में पूर्वी उत्तर प्रदेश के जिला अध्यक्षों की नियुक्ति की जाएगी।
लोकसभा चुनाव में हार के बाद प्रियंका का ध्यान उप्र में
लोकसभा चुनाव में हार के बाद प्रियंका का ध्यान उप्र में केंद्रित है। सोनभद्र में जमीनी विवाद में 10 लोगों की हत्या के बाद प्रियंका ने दो बार सोनभद्र का दौरा किया था। हालांकि, एक बार प्रशासन ने धारा-144 का हवाला देते हुए उन्हें जाने नहीं दिया था। हाल ही में वह रायबरेली में रेल कोच फैक्ट्री के लोगों के साथ धरने में भी शामिल हुई थी। लोकसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद प्रियंका सात बार उप्र का दौरा कर चुकी हैं।