SRO के चेयरमैन के सिवन ने कहा कि, ‘अभी चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम से हमारा संपर्क टूट गया है, लेकिन अगले 14 दिनों के अंदर लैंडर से दोबारा संपर्क साधने की कोशिश करेंगे
नई दिल्ली : ISRO के चेयरमैन के सिवन ने कहा कि, ‘अभी चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम से हमारा संपर्क टूट गया है, लेकिन अगले 14 दिनों के अंदर लैंडर से दोबारा संपर्क साधने की कोशिश करेंगे.’ उन्होंने कहा कि लैंडिंग के आखिरी चरण को सही तरीके से पूरा नहीं किया जा सका. आखिरी चरण में सिर्फ लैंडर से हमारा संपर्क टूट गया और संचार नहीं हो पाया. के सिवन ने कहा कि प्रधानमंत्री हम सभी के प्रेरणास्रोत हैं. उनके संबोधन से हमें प्रेरणा मिली है. उनके संबोधन में मैंने जो एक शब्द गौर किया वह था, ”विज्ञान को रिजल्ट के नजरिये से नहीं देखना चाहिए बल्कि शोध के नजरिये से देखा जाना चाहिए. शोध ही हमें रिजल्ट तक पहुंचाएंगे.’ आपको बता दें कि चंद्रयान-2′ के (Chandrayaan 2) लैंडर ‘विक्रम’ का बीती रात चांद पर उतरते समय जमीनी स्टेशन से संपर्क टूट गया.
चंद्रयान-2 मिशन से जुड़े एक वरिष्ठ इसरो अधिकारी ने शनिवार को कहा कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने ‘विक्रम’ लैंडर और उसमें मौजूद ‘प्रज्ञान’ रोवर को संभवत: खो दिया है. इससे पहले लैंडर जब चंद्रमा की सतह के नजदीक जा रहा था तभी निर्धारित सॉफ्ट लैंडिंग से चंद मिनटों पहले उसका पृथ्वी स्थित नियंत्रण केंद्र से सपंर्क टूट गया. इसके बाद . भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (इसरो) के अध्यक्ष के़ सिवन ने कहा था, ‘विक्रम लैंडर चंद्रमा की सतह से 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई तक सामान्य तरीके से नीचे उतरा. इसके बाद लैंडर का धरती से संपर्क टूट गया. आंकड़ों का विश्लेषण किया जा रहा है.’ हालांकि भारत के मून लैंडर विक्रम के भविष्य और उसकी स्थिति के बारे में कोई जानकारी नहीं हो, लेकिन 978 करोड़ रुपये लागत वाला चंद्रयान-2 मिशन का सबकुछ खत्म नहीं हुआ है.
Indian Space Research Organisation (ISRO) Chief, K Sivan: In total, the #Chandrayaan2 mission is very close to 100% success. (Courtesy: DD) pic.twitter.com/CQULoiDcRO
— ANI (@ANI) September 7, 2019
बता दें कि चंद्रयान-2 को इससे पहले 22 जुलाई को भारत के हेवी रॉकेट जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हिकल-मार्क 3 (जीएसएलवी एमके 3) के जरिए अंतरिक्ष में लांच किया गया था. आपको बता दें कि ‘चंद्रयान-2′ के लैंडर ‘विक्रम’ का जमीनी स्टेशन से संपर्क टूटने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार की सुबह इसरो सेंटर पहुंचे. यहां उन्होंने वैज्ञानिकों का न सिर्फ हौसला बढ़ाया बल्कि उन्होंने कहा कि मैं आपके साथ हूं और पूरा देश आपके साथ है. पीएम मोदी जब बेंगलुरु के स्पेस सेंटर से बाहर निकल रहे थे तो इसरो अध्यक्ष के सिवन को उन्होंने गले लगा लिया और इस दौरान काफी भावुक हो गए.