नई दिल्ली. स्विट्जरलैंड सरकार ने स्विस बैंकों में भारतीय खाताधारकों की पहली सूची भारत को सौंप दी है। बैंकर्स और केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के अधिकारियों का कहना है कि सूचनाओं का विश्लेषण किया जा रहा है। इस लिस्ट में ज्यादातर खाते ऐसे हैं, जो कार्रवाई के डर से बंद कर दिए गए थे। राजनीति से संबंधित लोगों के खातों की गहनता से पड़ताल की जा रही है। भारत और स्विट्जरलैंड के बीच बैंकिंग सूचनाओं के स्वतः आदान-प्रदान के समझौते के बाद 1 सितंबर से भारतीयों के स्विस बैंक खातों की जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है।
बैंकर्स ने न्यूज एजेंसी को बताया कि स्विट्जरलैंड सरकार के निर्देश पर विदेशी बैंकों ने भारतीयों से जुड़ा डाटा तैयार किया है। इसमें उन सभी खातों के लेन-देन का विवरण शामिल है, जो 2018 के बाद से एक दिन के लिए भी सक्रिय रहे हों। इन सूचनाओं से स्विस बैंकों के खातों में अघोषित संपत्ति रखने वालों के खिलाफ कार्रवाई में मदद मिलेगी। इसमें जमा, हस्तांतरण और अन्य संपत्ति में निवेश से जुड़ी जानकारी दी गई है।
कालेधन के खिलाफ मुहिम के बाद खातों से निकासी हुई
बैंकर्स और नियामक अधिकारियों ने कहा है कि खाताधारकों की लिस्ट में ज्यादतर दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों, अमेरिका, ब्रिटेन, अफ्रीका और दक्षिण अमेरिकी देशों में रहने वाले भारतीय और बिजनेसमैन हैं। बैंकरों ने स्वीकार किया कि कभी पूरी तरह से गोपनीय रहे स्विस बैंकों के खातों के खिलाफ वैश्विक स्तर पर शुरू हुई मुहिम के बाद इन खातों से काफी पैसे निकाले गए। इनमें से कई खाते बंद भी हो गए। 2018 में बंद कराए गए खातों की जानकारी भी मिली है।
100 भारतीयों के खाते 2018 से पहले बंद हो गए थे
इसके अलावा भारतीयों के 100 ऐसे खातें भी शामिल हैं, जिन्हें 2018 से पहले ही बंद कराया गया था। स्विस सरकार इन खातों की जानकारी भी साझा करने की प्रक्रिया में जुटी है। ये खाते ऑटो पार्ट्स, केमिकल, टेक्सटाइल, रियल एस्टेट, हीरा और स्टील प्रोडक्ट से जुड़े कारोबारियों के हैं। राजनीति से जुड़े लोगों के खातों की जानकारियों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
स्विस बैंक ने जून में 50 कारोबारियों के नाम उजागर किए थे
इसी साल जून में स्विस सरकार ने विदेशों बैंकों में कालाधन रखने वाले 50 भारतीय कारोबारियों के नाम उजागर किए थे। स्विस अधिकारियों ने खाताधारकों को अपना पक्ष रखने के लिए नोटिस भी भेजा था। इनमें ज्यादातर कोलकाता, मुंबई, गुजरात और बेंगलुरु के थे। पिछले एक साल में 100 से ज्यादा भारतीय खाताधारकों के नाम सामने आ चुके हैं।
स्विस बैंक खातों के मामले में ब्रिटेन शीर्ष पर
स्विस बैंकों में पैसा रखने के मामले में ब्रिटेन सबसे आगे है। स्विस नेशनल बैंक (एसएनबी) की इसी साल जून में जारी रिपोर्ट के मुताबिक, 2018 में कुल जमा रकम का 26% हिस्सा ब्रिटेन के कारोबारियों का था। यहां भारतीयों के रकम रखने में धीरे-धीरे कमी आ रही है। भारत इस समय 74वें नंबर पर है। पिछले साल भारतीयों की जमा रकम में 6% की कमी आई थी, उस वक्त रैंकिंग 73 थी। स्विस बैंकों में जमा रकम में भारतीयों का हिस्सा 0.07% है।