लखनऊ. उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को मंत्रियों से कहा कि आप अपना टैक्स स्वयं चुकाएं। इसके साथ ही चार दशक पुराना चलन खत्म हो गया, जिसके अंतर्गत मंत्रियों का टैक्स राजकोष से भरा जाता था। इस संबंध में राज्य सरकार ने आदेश भी जारी कर दिया है।
दरअसल, यह कानून 1981 में आया था। तब इसे लेकर मीडिया में खासी आलोचना की गई थी। इसके मुताबिक उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री और मंत्रियों को अपना इनकम टैक्स नहीं चुकाना होता था। उनका टैक्स राज्य सरकार द्वारा भरा जाता था। यह निर्णय राशन और फुटकर कानून 1981 के अंतर्गत लिया गया था।
हमें इस कानून के बारे में कोई जानकारी नहीं: राजनेता
इससे पहले अखबारों में ऐसी खबरें भी आई थीं, जिसमें कई राजनेताओं ने कहा था कि उन्हें यूपी एक्ट के बारे में कोई जानकारी ही नहीं थी।उत्तरप्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि अभी तक सभी मंत्रियों का टैक्स राजकोष द्वारा वहन किया जाता था। मुख्यमंत्री के नए आदेश के मुताबिक, अब सभी मंत्रियों को अपना टैक्स खुद चुकाना होगा।
इस कानून का लाभ 19 मुख्यमंत्रियों ने उठाया
यह कानून जब आया, तब प्रदेश के मुख्यमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह थे। तब से लेकर अब तक राज्य में 19 मुख्यमंत्री आए और करीब 1 हजार मंत्री रहे। जिन मुख्यमंत्रियों ने अपना टैक्स बचाया उनमें सभी पार्टियों के नेता शामिल हैं। इनमें मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव, मायावती, कल्याण सिंह, राम प्रकाश गुप्ता, राजनाथ सिंह, श्रीपति मिश्रा, वीर बहादुर सिंह और एनडी तिवारी का नाम शामिल है।
वित्त मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि पिछले वित्त वर्ष के अंतर्गत प्रदेश सरकार ने मंत्रियों के टैक्स के तौर पर 86 लाख रुपए का भुगतान किया।
- वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि राज्य सरकार ने इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिया है
- 1981 के कानून के मुताबिक- मुख्यमंत्री और मंत्रियों का टैक्स राज्य सरकार के द्वारा वहन किया जाता था
- पिछले वित्त वर्ष के अंतर्गत प्रदेश सरकार ने मंत्रियों के टैक्स के तौर पर 86 लाख रुपए का भुगतान किया