लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस (Congress) के नेताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं को मनोबल पूरी तरह से टूट चुका है. कांग्रेस में बाहरी लोगों के दखल से संगठन के अंदर काफी काफी खींचतान चल रही है.
कांग्रेस (Congress) की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) एक बार फिर पार्टी (party) को मजबूत करने की कोशिश में लगी हुई हैं. एक महीने पहले ही दूसरी बार कांग्रेस (Congress) की बागडोर संभाल चुकीं सोनिया गांधी पार्टी के अंदर कई बड़े बदलाव की तैयारी में हैं. सोनिया गांधी एक बार फिर अपने पुराने दिग्गजों के सहारे कांग्रेस को राज्यवार मजबूत करने का मन बनाया है. यही कारण है कि पार्टी के नए तरीके से गठन और पदाधिकारियों की नियुक्ति में वह अपने सबसे पुराने और वफादार नेताओं को तरजीह दे का प्लान तैयार कर रही है. हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक सोनिया गांधी संगठन को नए सिरे से तैयार करने जा रही हैं.
लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस के नेताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं को मनोबल पूरी तरह से टूट चुका है. कांग्रेस में बाहरी लोगों के दखल से संगठन के अंदर काफी काफी खींचतान चल रही है. बाहरी लोगों के कारण पार्टी के पुराने और वफादार नेताओं के अंदर कुंठा घर कर रही है. यही कारण है कि सोनिया गांधी बदलते दौर में एक बार फिर पार्टी के पुराने चेहरों के साथ आगामी विधानसभा चुनावों में उतरना चाहती हैं. खबर है कि सोनिया गांधी ने इसी बात को ध्यान में रखते हुए 15 साल के भीतर सांसद रहे कांग्रेसियों की लिस्ट मंगवाई है.
बताया जाता है कि जब से सोनिया गांधी ने कांग्रेस की कमान अपने हाथ में ली है तब से नेताओं और कार्यकर्ताओं में जोश और मनोबल बढ़ गया है. हरियाणा में कांग्रेस से अशोक तंकर की विदाई और कुमारी शैलजा का प्रदेश अध्यक्ष बनना इसी बदलाव का एक हिस्सा है. तंवर और भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बीच आंदरूनी खींचतान काफी समय से चली आ रही थी. आगामी विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए शैलजा की नियुक्ति की गई है साथ ही हुड्डा को विधायक दल का नेता बनाया गया है.
इसी तरह महाराष्ट्र में गुजबाजी को देखते हुए सोनिया गांधी से कई बड़ बदलाव किए हैं. मिलिंद देवड़ा के मुंबई कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद उनकी जगह दिग्गज कांग्रेसी एकनाथ गायकवाड़ को जिम्मेदार दी गई. मुरली देवड़ा को राहुल गांधी का काफी करीबी माना जाता है. देवड़ा को ऑल इंडिया प्रोफेशनल कांग्रेस के वाइस-चेयरमैन के पद से भी हटा दिया गया है. बताया जाता है कि देवड़ा को भले ही महाराष्ट्र की जिम्मेदारी से हटा लिया गया हो लेकिन उनके पुराने रिकॉर्ड को देखते हुए पार्टी उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है.