पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में आतंकियों द्वारा पूर्व में बंद किए गए शिविरों को फिर से शुरू किया जा रहा है। इसके अलावा नए स्थानों पर भी शिविरों का संचालन किया जा रहा है। सेना इन पर पैनी नजर रखे हुए है। ऐसे शिविरों को नष्ट करने के लिए फिर से बड़ी कार्रवाई की जा सकती है।
सेना के सूत्रों के अनुसार, पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक के बाद आतंकियों ने अपने शिविर बदल लिए थे। पुराने स्थानों में स्थित करीब-करीब सभी शिविर बंद कर दिए थे। लेकिन दो-तीन साल तक ये शिविर खाली पड़े रहे। इस बीच कई नए स्थानों पर आतंकियों के शिविर बने लेकिन वे ज्यादा समय तक नहीं टिके रहे। आतंकियों द्वारा बार-बार स्थान बदले गए। ऐसा सेना और सुरक्षाबलों के संभावित हमलों से बचने के लिए किया गया।
सूत्रों के अनुसार, इस बीच सुरक्षा बलों की आंखों में धूल झोंकने के लिए कई ऐसे शिविरों को फिर से शुरू किया जाने लगा जो पूर्व में बंद हो चुके थे। सेना ने नीलम घाटी में नियंत्रण रेखा के करीब 19 अक्तूबर की रात जो चार शिविर नष्ट किए हैं, वे ऐसे ही शिविर थे। वे पूर्व में बंद हो चुके थे। लेकिन जैसे ही इनमें हलचल हुई, ये सेना की निगाह में आ गए। सेना की कार्रवाई में इन शिविरों में मौजूद करीब 20 आतंकियों के मारे जाने की सूचना है।
सेना से जुड़े सूत्रों ने कहा कि नियंत्रण रेखा के करीब स्थिति आतंकी शिविरों में फिर से हलचल होने का साफ संकेत है कि पाकिस्तानी सेना वहां से उन्हें कश्मीर में घुसाने की फिराक में है। इसलिए सेना नियंत्रण रेखा के इर्द-गिर्द स्थिति पूर्व में बंद हो चुके दर्जनों आतंकी शिविरों पर नजर रखे हुए है। कई और शिविरों में भी सक्रियता के संकेत मिल रहे हैं जिन पर आने वाले दिनों में कार्रवाई हो सकती है। सेना के सूत्रों का मानना है कि शनिवार रात की कार्रवाई के बाद पाक सेना और आतंकी दोनों बौखलाए हुए हैं तथा वह फिर इन शिविरों को खाली कर सकते हैं।