देश का विदेशी मुद्रा भंडार 86.22 करोड़ डॉलर घटकर 398.79 अरब डॉलर पर

मुंबई: रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक देश का विदेशी मुद्रा भंडार छह अक्तूबर को समाप्त सप्ताह में 86.22 करोड़ डॉलर घटकर 398.79 अरब डॉलर रह गया जिसका मुख्य कारण विदेशी मुद्रा आस्तियों में कमी आना है. इससे पिछले सप्ताहांत में विदेशी मुद्रा भंडार 2.59 अरब डॉलर घटकर 399.656 अरब डॉलर रहा था. इससे पूर्व 15 सितंबर को समाप्त सप्ताह में मुद्राभंडार 402.50 अरब डॉलर की सर्वकालिक रिकॉर्ड ऊंचाई को छू गया था.

भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़े दर्शाते हैं कि समीक्षाधीन सप्ताह में कुल विदेशी मुद्रा भंडार का महत्वपूर्ण हिस्सा, यानी विदेशी मुद्रा आस्तियां (एफसीए) 1.391 अरब डॉलर घटकर 373.795 अरब डॉलर रह गया. अमेरिकी डॉलर में अभिव्यक्त किये जाने वाले एफसीए में मुद्राभंडार में रखे गये यूरो, पौंड और जापानी येन जैसे गैर.अमेरिकी मुद्राओं की तेजी : अवमूल्यन के प्रभावों को शामिल किया जाता है.

पिछले कुछ सप्ताहों तक अपरिवर्तित रहने के बाद देश का स्वर्ण आरक्षित भंडार 54.86 करोड़ डॉलर बढ़कर 21.240 अरब डॉलर हो गया था. रिजर्व बैंक ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में विशेष निकासी अधिकार 79 लाख डॉलर घटकर 1.494 अरब डॉलर रह गया. इसने कहा है कि आईएमएफ में देश का मुद्राभंडार भी 1.19 करोड़ डॉलर घटकर 2.264 अरब डॉलर रह गया.

सितंबर में निर्यात 25.67 प्रतिशत बढ़ा, छह महीने में सर्वाधिक वृद्धि

देश का निर्यात सितंबर में 25.67 प्रतिशत बढ़कर 28.61 अरब डॉलर रहा. रसायन, पेट्रोलियम और इंजीनियरिंग उत्पादों के बेहतर प्रदर्शन से निर्यात में छह महीने में सर्वाधिक वृद्धि दर्ज की गयी है. यह मार्च 2017 के बाद सर्वाधिक निर्यात वृद्धि है. उस समय इसमें 27.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी. वाणिज्य मंत्रालय के शुक्रवार (13 अक्टूबर) को जारी आंकड़े के अनुसार आयात भी आलोच्य महीने में 18.09 प्रतिशत बढ़कर 37.6 अरब डालर हो गया. एक साल पहले इसी महीने में यह 31.83 अरब डालर था.

इस साल सितंबर महीने में व्यापार घाटा 8.98 अरब डालर रहा जो पिछले वर्ष के इसी महीने के 9 अरब डालर के लगभग बराबर है. वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु ने टि्वटर पर लिखा, ‘‘देश की वृद्धि की कहानी वापस आ गयी है. निर्यात सितंबर 2016 के मुकाबले इस वर्ष सितंबर में 25.6 प्रतिशत बढ़ा.’’ उन्होंने कहा कि आलोच्य महीने के दौरान निर्यात के सभी शीर्ष 10 जिंस समूह में सकारात्मक वृद्धि हुई. कुल निर्यात में इसकी हिस्सेदारी 82.14 प्रतिशत है.

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