दीपपर्व यानि दीपावली रविवार को मनाई जाएगी। इस बार कई वर्षों के बाद दर्श अमावस्या में दीपावली मनाई जाएगी। इस दिन गुरु वृश्चिक राशि में रहेंगे। वहीं सूर्य और चंद्र तुला राशि रहेंगे।
साल 2007 में बना था ऐसा योग-
इससे पहले भी गुरु के वृश्चिक में रहते हुए चतुर्दशी और अमावस्या के योग में दीपावली मनाई गई थी। 12 वर्ष पहले आठ नवंबर 2007 को भी ऐसा ही योग आया था। उस समय भी शनि और केतु की युति थी, लेकिन ये ग्रह सिंह राशि में स्थित थे। 23 अक्टूबर 1995 को गुरु वृश्चिक राशि में था और तब भी चतुर्दशी युक्त अमावस्या तिथि पर दीपावली का पर्व मनाया गया था। आचार्य गौरव शास्त्री ने बताया कि यह दीपावली सभी राशियों के लिए बेहद शुभ व फलदायक साबित होगी।
पूजा का शुभ मुहूर्त-
रविवार को शाम 6 बजकर 4 मिनट से 8 बजकर 36 मिनट तक पूजा का शुभ मुहूर्त है। व्यापारियों के लिए 8 से दस बजे तक पूजा श्रेष्ठ मानी गई है।