प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने सोमवार को यूरोपीय संघ (ईयू) के सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल (Delegation) से कहा कि आतंकवाद का समर्थन करने और उसे प्रायोजित करने वालों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है।
मोदी ने प्रतिनिधिमंडल से कहा कि आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति (जीरो टॉलरेंस) होनी चाहिए। प्रतिनिधिमंडल ने जम्मू-कश्मीर के अपने दौरे से पहले यह मुलाकात की।
प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की तरफ से जारी एक बयान के अनुसार मोदी ने उम्मीद जतायी कि सांसदों का देश के विभिन्न हिस्सों का दौरा उपयोगी होगा और जम्मू कश्मीर की यात्रा से उन्हें जम्मू, कश्मीर और लद्दाख क्षेत्रों की सांस्कृतिक और धार्मिक विविधता की बेहतर समझ हो सकेगी।
प्रधानमंत्री ने यह उम्मीद भी जतायी कि इससे उन्हें क्षेत्र के विकास और शासन की प्राथमिकताओं के बारे में स्पष्ट दृष्टिकोण मिल सकेगा।
प्रधानमंत्री ने किसी भी देश का नाम लिए बिना कहा कि आतंकी गतिविधियों का समर्थन या प्रायोजन करने वाले तथा आतंकवाद को राज्य की नीति के तौर पर इस्तेमाल करने वाले सभी लोगों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है।
उन्होंने व्यापार करने में सुगमता संबंधी रैंकिंग में सुधार का भी जिक्र किया जो 2014 में 142 थी और अब 63 हो गयी है।
उन्होंने कहा कि इस प्रकार के विशाल आकार, जनसांख्यिकी और विविधता वाले देश के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि शासन प्रणाली आज लोगों को आकांक्षा वाली दिशा में आगे बढ़ने में सक्षम बना रही है।
पीएम मोदी ने सभी भारतीयों के लिए जीवन जीने में सुगमता सुनिश्चित करने पर भी सरकार द्वारा ध्यान दिए जाने को रेखांकित किया। उन्होंने स्वच्छ भारत और आयुष्मान भारत सहित सरकार के प्रमुख कार्यक्रमों की सफलता का जिक्र किया।
पीएम मोदी ने वैश्विक लक्ष्य से पांच साल पहले यानी 2025 तक टीबी खत्म करने की भारत की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षण के लिए उठाए गए कदमों के बारे में भी चर्चा की जिसमें नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्य को बढ़ाना और एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक के खिलाफ आंदोलन शामिल हैं। प्रतिनिधिमंडल सोमवार शाम को उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू से भी मुलाकात करेगा।