महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर बीजेपी और शिवसेना के बीच जंग तेज हो गई है। शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा है कि उद्धव ठाकरे जी ने कहा है कि हमारे पास अन्य विकल्प भी हैं लेकिन हम उस विकल्प को स्वीकार करने का पाप नहीं करना चाहते हैं। शिवसेना ने हमेशा सच्चाई की राजनीति की है, हम सत्ता के भूखे नहीं हैं।
जब संजय राउत से पूछा गया कि भाजपा के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन के बावजूद सरकार बनाने में समय क्यों लग रहा है तो उन्होंने कहा कि यहां (महाराष्ट्र) में कोई दुष्यंत नहीं है जिसके पिता जेल में हैं। यहां हम हैं जो ‘धर्म और सत्या’ की राजनीति करते हैं, शरद जी जिन्होंने बीजेपी और कांग्रेस के खिलाफ माहौल बनाया है जो कभी बीजेपी के साथ नहीं जाएंगे।
आपको बता दें कि हरियाणा में सरकार बनाने के लिए बीजेपी ने जननायक जनता पार्टी से समर्थन लिया है। बीजेपी को हरियाणा में 40 सीटों पर जीत हासिल हुई थी और उसे सरकार बनाने के लिए छह और विधायकों की जरूरत थी। यहां दुष्यंत चौटाला की जेजेपी के 10 विधायकों ने बीजेपी को समर्थन दिया है।
हमें विकल्प ढूंढ़ने को विवश मत करो : राउत ने भाजपा से कहा
Sanjay Raut, Shiv Sena: Uddhav Thackeray ji has said that we have other options too but we don't want to do the sin of accepting that alternative. Shiv Sena has always done politics of truth, we are not hungry for power. #MaharashtraAssemblyPolls pic.twitter.com/khK42wtDuS
— ANI (@ANI) October 29, 2019
शिवसेना नेता संजय राउत ने सोमवार को भाजपा से कहा कि वह उनकी पार्टी को महाराष्ट्र में अगली सरकार के गठन के लिए विकल्प ढूंढ़ने पर विवश न करे। उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि राजनीति में कोई ”संत नहीं होता है। उल्लेखनीय है कि राज्य की 288 सदस्यीय विधानसभा के लिए गत 21 अक्टूबर को हुए विधानसभा चुनाव में किसी भी पार्टी या गठबंधन को बहुमत नहीं मिला है।
राजग के घटक दलों में से भाजपा 105 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है और शिवसेना को 56 सीट मिली हैं। इन दोनों दलों के बीच सत्ता में साझेदारी को लेकर तकरार बढ़ती जा रही है। शिवसेना चाहती है कि दोनों ही दलों को बारी-बारी से मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी मिले। गत 24 अक्टूबर को चुनाव परिणाम की घोषणा के बाद से ही कांग्रेस-राकांपा गठबंधन के तबकों की ओर से ऐसे संकेत मिलते रहे हैं कि राज्य में भाजपा से परे सरकार गठन का शिवसेना का कदम हकीकत में बदल सकता है। हालांकि, कांग्रेस-राकांपा की ओर से इस बारे में औपचारिक रूप से कुछ नहीं कहा गया है।
राउत ने एक समाचार चैनल के साथ बातचीत में कहा, ”हम गठबंधन (भाजपा के साथ) में विश्वास करते हैं। लेकिन भाजपा को हमें सरकार गठन के लिए अन्य विकल्प ढूंढ़ने को विवश नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा, ”राजनीति में कोई संत नहीं होता। राउत की यह बात संभवत: वरिष्ठ सहयोगी भाजपा को यह संकेत है कि उससे परे सरकार गठन शिवसेना के लिए पूरी तरह असंभव नहीं है।उन्होंने दावा किया कि दोनों दल सत्ता में ”बराबर भागीदारी पर सहमत हुए थे और इस संबंध में मुंबई में घोषणा भी की गई थी।
राउत ने कहा कि सरकार गठन को लेकर भाजपा और शिवसेना के बीच अभी तक कोई चर्चा नहीं हुई है। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि अगर भाजपा खुद अपने दम पर बहुमत जुटा लेती है तो वह इसका स्वागत करेंगे। राउत संसद में शिवसेना के मुख्य सचेतक और पार्टी के मुखपत्र ‘सामना के कार्यकारी संपादक हैं।