कमलेश तिवारी हत्याकांड में कातिलों के लिए मददगार बने वकील नावेद और मौलाना सैय्यद कैफी के बाद कामरान भी शिकंजे में आ गया है। अब एटीएस, एसटीएफ और तमाम खुफिया एजेंसियां की नजर सौदागरान मोहल्ला पर हैं। हत्यारों की मदद करने वालों की फेहरिस्त बढ़ती जा रही है। कादरी होटल से लेकर तमाम ऐसे संगठन जो सौदागरान में सक्रिय हैं, उनके नाम और नंबरों की लिस्ट बन रही है।
नातख्वाह मौलाना सैयद कैफी अली और खिदमतगार वकील नावेद को एटीएस ने पहले ही गिरफ्तार कर लिया था। बुधवार को कामरान को भी गिरफ्तार कर लिया गया। कामरान के बाद सबकी नजर सौदागरान मोहल्ले की हर गतिविधियों पर टिकी है। कुछ खास लोगों पर भी जांच की आंच है। खुफिया एजेंसियों ने ऐसे तमाम संगठन, मशहूर लोगों के नाम की सूची बनानी शुरू कर दी है। उनके नंबर भी जुटाए जा रहे हैं, जिससे उनसे पूछताछ की जा सके। सूत्रों के मुताबिक कातिल जब बरेली आए तो उनके साथ मददगारों में कौन-कौन शामिल था। स्थानीय पुलिस भी मामले में जुट गई है।
जखीरा में किराये के मकान में रहता था कामरान
मोहल्ला जखीरा में पिछले डेढ़ साल से कामरान किराये के मकान में रहता था। नावेद और कैफी अली के बाद हत्यारों को भागने में मदद करने में कामरान का नाम सामने आया। कामरान ने पुलिस एजेंसियों को चकमा देने के लिये हत्यारोपियों का मोबाइल ट्रेन में फेंक दिया था। इस वजह से एटीएस, एसटीएफ और पुलिस की टीमें ट्रेन का पीछा करती रहीं और कातिलों को नावेद व कामरान अपनी गाड़ी से नेपाल ले गये। कामरान की पत्नी फरहीन के मुताबिक कातिलों की मदद नावेद ने की थी। कामरान को सिर्फ मोहरा बनाया गया।