मुंबई. महाराष्ट्र में सरकार गठन की कश्मकश के बीच शिवसेना नेता संजय राउत ने भाजपा का नाम लिए बगैर आरोप लगाया कि विधायकों का समर्थन हासिल करने के लिए अपराधियों और सरकारी एजेंसियों का इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने रविवार को कहा कि दो दलों में बातचीत केवल मुख्यमंत्री के पद को लेकर ही होगी, अगर ऐसा नहीं होता है तो शिवसेना का मुख्यमंत्री होगा।
इससे पहले राकांपा नेता अजित पवार ने कहा- संजय राउत ने मुझे संदेश भेजा, मैं मीटिंग में था इसलिए यह नहीं जान पाया कि उन्होंने क्या संदेश दिया है। चुनाव के नतीजे आने के बाद पहली बार उन्होंने मुझसे संपर्क किया और मैं जल्द ही उनसे बात करूंगा। हमें 170 से ज्यादा विधायकों का समर्थन है। यह आंकड़ा 175 भी हो सकता है। अभी तक सरकार बनाने को लेकर हमारी भाजपा से कोई बातचीत नहीं हुई। मुख्यमंत्री पद पर सहमति बनने के बाद ही चर्चा होगी।
‘राष्ट्रपति शासन लगा तो यह भाजपा की सबसे बड़ी हार’
शिवसेना के मुखपत्र सामना में साप्ताहिक कॉलम में राउत ने सरकार के गठन पर गतिरोध की तुलना ‘अहंकार के कीचड़ में फंसे रथ’ से की है। राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने को लेकर उन्होंने कहा कि अगर ऐसा होता है तो यह भाजपा की ‘सदी की सबसे बड़ी हार’ होगी। दरअसल, भाजपा नेता सुधीर मुनगंटीवार ने कहा था कि अगर राज्य में 7 नवंबर तक सरकार का गठन नहीं होता है तो राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है।
अगर शिवसेना को सत्ता में आना है, तो लोगों को यह पता लग जाएगा- उद्धव
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि अगर शिवसेना को सत्ता में आना है तो आने वाले दिनों में लोगों को यह पता लग जाएगा। उद्धव ने असमय बारिश की वजह से खराब हुई फसलों के लिए 10 हजार करोड़ के राहत पैकेज की घोषणा को भी अपर्याप्त बताया। उन्होंने कहा कि हेलिकॉप्टर से नुकसान का आकलन नहीं किया जा सकता।
राउत ने कहा- हमारे पास 170 से ज्यादा विधायकों का समर्थन, भाजपा से बात केवल मुख्यमंत्री पद पर सहमति के बाद
राकांपा नेता अजित पवार ने कहा- संजय राउत ने मुझसे पहली बार संपर्क किया, मैं उनसे जल्द बात करूंगा
भाजपा नेता सुधीर मुनगंटीवार ने कहा था- 7 नवंबर तक सरकार नहीं बनी तो राष्ट्रपति शासन लग सकता है