अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट की ओर से निकट भविष्य में फैसला सुनाए जाने की संभावना को देखते हुए पुलिस-प्रशासन सतर्क हो गया है। शासन स्तर से ही छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। गोरखपुर में तो एसएसपी का निर्देश मिलने के बाद थानेदार अपने-अपने थाने के छुट्टी गए कांस्टेबलों-दरोगाओं को फोन मिला रहे हैं…हेलो! साहब ने छुट्टी रद्द कर दी है। अब शीघ्र ड्यूटी पर लौट आएं।
एसएसपी डॉ. सुनील कुमार गुप्ता ने जिले के सभी पुलिस अधिकारियों, क्षेत्राधिकारियों और थाना प्रभारियों को निर्देश दे दिया है कि वे अपने-अपने सर्किल और थाने तथा विभागों में इस बात की जानकारी कर लें कि इस समय कोई दरोगा या सिपाही छुट्टी पर तो नहीं है। यदि छुट्टी पर हैं तो उसे रद्द किए जाने की जानकारी देकर ड्यूटी पर बुला लिया जाए।
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एसएसपी के निर्देश का असर दिखने लगा है। जिले के क्षेत्राधिकारी कार्यालय, थाने तथा विभिन्न अनुभागों से छ्ट्टी गए दरोगा और सिपाहियों को फोन कर बकायदा एसएसपी के निर्देश से अवगत कराया जा रहा है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि कई पुलिस कर्मियों ने अपनी छ्ट्टी बीच में ही रद्द कर दी है और वे ड्यूटी पर लौट आए हैं। दरोगा और सिपाहियों द्वारा छुट्टी बीच में खत्म कर लौटने का सिलसिला जारी है।
फैसले का सम्मान करेंगे : मदनी
अयोध्या मामले में मुख्य पक्षकार जमीयत उलेमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि जमीयत के अधिवक्ता ने कोर्ट के सामने चार सौ साल के सुबूत पेश कर इंसाफ मांगा है। उन्होंने दो टूक कहा कि उनका मानना है कि उक्त सुबूतों के आधार पर फैसला उनके हक में आएगा। लेकिन, उच्चतम न्यायालय हमारे सुबूतों पर जो भी फैसला करेगा, हम उसका सम्मान करेंगे।