मौलाना फजलुर्रहमान के दल जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-एफ (जेयूआई-एफ) ने बुधवार को साफ कर दिया कि हम देश बचाने आए हैँ। प्रधानमंत्री के इस्तीफे तक प्रदर्शन जारी रहेगा।
पाकिस्तान में राजनीतिक गतिरोध और बढ़ गया है। राजधानी में लाखों समर्थकों के साथ डटे मौलाना फजलुर्रहमान के दल जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-एफ (जेयूआई-एफ) ने बुधवार को साफ कर दिया कि हम देश बचाने आए हैँ। प्रधानमंत्री के इस्तीफे तक प्रदर्शन जारी रहेगा। जेयूआई-एफ की केंद्रीय समिति की बुधवार को हुई बैठक में फैसला लिया गया कि इमरान खान के इस्तीफे तक आजादी मार्च को जारी रखा जाएगा। जेयूआई-एफ के नेता मौलाना अब्दुल गफूर हैदरी ने इसकी जानकारी दी।
जुल्फीकार अली भुट्टो से बड़े नेता नहीं हैं इमरान: मौलाना
हालांकि, इससे पहले खुद मौलाना फजल ने कहा था कि अगर सरकार बीच का रास्ता ढूंढना और गतिरोध तोड़ना चाहती है तो उसे विपक्षी दलों को अपने सुझाव देने चाहिए। मौलाना ने कहा कि इमरान जुल्फीकार अली भुट्टो से बड़े नेता नहीं हैं। उन्हें भी इस्तीफा देकर चुनाव कराने पड़े थे। इमरान को भी कराने होंगे। वहीं, बुधवार को इस्लामाबाद में बारिश के कारण प्रदर्शनकारियों को हो रही दिक्कत पर इमरान खान द्वारा प्रशासन को जरूरी कदम उठाने के निर्देश को भी जेयूआई-एफ ने खारिज कर दिया।
जब जहाज डूबता है तो सभी डूबते हैं: मौलाना
हैदरी ने कहा, ‘प्रधानमंत्री अपनी मदद को अपनी जेब में रखें। हमने अपनी व्यवस्था की हुई है। हमारे लोग अपनी तैयारी करके आए हैं। बारिश तो अल्लाह की रहमत है, समस्या हुक्मरान हैं।’ पंजाब विधानसभा के अध्यक्ष चौधरी परवेज इलाही और पीएमएल-क्यू अध्यक्ष चौधरी शुजात हुसैन के साथ मुलाकात के बाद मौलाना ने कहा, ‘सकारात्मक जवाब की स्थिति अभी नहीं बनी है। यह हर किसी का देश है, जब जहाज डूबता है तो हम सभी डूबते हैं। देश में अशांति है और यह हर किसी की जिम्मेदारी है कि इस अशांति को खत्म किया जाए।’