पूर्व संरा प्रमुख कोफी अन्नान ने म्यांमार से कहा, रोहिंग्याओं की ‘घर वापसी’ तय करें

संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र के पूर्व महासचिव कोफी अन्नान ने शनिवार (14 अक्टूबर) को म्यांमार से कहा कि वह पिछले दो महीने से घर छोड़ने वाले लगभग पांच लाख रोहिंग्या मुस्लिम शरणार्थियों की सुरक्षा के साथ उनकी घर वापसी की व्यवस्था सुनिश्चित करे ताकि वे शिविरों में नहीं जायें. शरणार्थी संकट पर एक आयोग की अध्यक्षता करने वाले अन्नान ने कहा कि म्यांमार सरकार को ऐसी स्थिति बनानी चाहिए ताकि शरणार्थी गरिमा एवं सुरक्षा की भावना के साथ अपने घरों को लौट सकें और हिंसाग्रस्त रखाइन राज्य के पुनर्निर्माण में मदद करें. इस मसले पर सुरक्षा परिषद की अनौपचारिक एवं निजी बैठक को संबोधन के बाद अन्नान ने कहा, ‘‘उनलोगों को शिविरों में नहीं लौटना चाहिए. उन्हें अपने घर जाने के लिए सहायता की आवश्यकता है.’’

कोफी ने शुक्रवार (13 अक्टूबर) को सुरक्षा परिषद को संबोधित करने के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा कि म्यांमार लौटने वाले शरणार्थियों को शिविरों में नहीं भेजा जाना चाहिए, बल्कि उन्हें उनके घर भेजा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि वह परिषद से एक प्रस्ताव चाहते हैं, जो सरकार को आगे बढ़ने और ऐसा माहौल बनाने की अपील कर सके, जिसमें रोहिंग्या शरणार्थी सम्मान व सुरक्षा के साथ अपने घर लौट सकें.

रोहिंग्या मुस्लिम ISIS के साथ मिलकर बना रहे हैं हमले की योजनाः खुफिया रिपोर्ट

फ्रांस और ब्रिटेन, म्यांमार सरकार के खिलाफ मजबूत कार्रवाई चाहते हैं, लेकिन वे चीन और रूस के विरोध के कारण संयुक्त राष्ट्र में कोई प्रस्ताव नहीं पारित करा पा रहे हैं, क्योंकि उनके पास वीटो शक्तियां हैं. म्यांमार सेना की कार्रवाई से डरकर रोहिंग्या समुदाय के हजारों लोग राखिने से पलायन कर बांग्लादेश, भारत और कई अन्य देशों में पहुंच गए हैं.

कोफी ने कहा कि इन हमलों को रोक दिया गया है, लेकिन शरणार्थी अभी भी भयभीत हैं, जिसके कारण वे वापस अपने घर लौटने से हिचक रहे हैं. कोफी के अनुसार, “हमें मूल कारणों से निपटना होगा.” उन्होंने कहा कि रोहिंग्या के अधिकारों के लिए लंबे समय से चल रही समस्या को सुलझाने के लिए उन्होंने केवल एक ही योजना बनाई थी और उनके पास कोई और योजना नहीं है.

कोफी ने यह भी कहा कि म्यांमार 50 दशकों से ज्यादा अवधि के सैन्य शासन के बाद परिवर्तन की स्थिति से गुजर रहा है, जिससे वहां स्थिति और जटिल हो गई है. कोफी ने बताया, “अंतर्राष्ट्रीय समुदाय अब सेना पर दबाव डालना शुरू कर रहा है.”

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