वॉशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव अभियान में रूसी हस्तक्षेप एवं राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ मिलीभगत की जांच कर रहे जांचकर्ताओं के समक्ष व्हाइट हाउस के पूर्व चीफ ऑफ स्टाफ रींस प्रीबस पूछताछ के लिए पेश हुए. अमेरिकी मीडिया ने शनिवार (14 अक्टूबर) को यह खबर दी. पोलिटिको एवं वॉशिंगटन पोस्ट ने प्रीबस के अधिवक्ता विलियम बर्क के हवाले से कहा है कि विशेष अधिवक्ता रॉबर्ट मूलर की टीम के सदस्यों के साथ शुक्रवार (13 अक्टूबर) को हुई यह बातचीत अथवा पूछताछ स्वैच्छिक थी.
बर्क ने कहा, ‘‘वह उनके सभी प्रश्नों का उत्तर देकर खुश थे.’’ प्रीबस ने स्वयं कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन पोलिटिको ने खबर दी है कि वह इस पूछताछ के लिए कुछ हफ्ते से तैयारी कर रहे थे. रिपोर्ट के अनुसार ट्रंप को किसी अन्याय अथवा अधर्म के लिए जिम्मेदार नहीं बताया गया है, लेकिन एफबीआई के पूर्व निदेशक जेम्स कोमी को रूसी जांच के सिलसिले में जिस तरह राष्ट्रपति ने हटा दिया था, मूलर की टीम इसमें अधिक दिलचस्पी दिखा रही है.
जिन अन्य बातों की जांच की जा रही है उनमें क्रेमलिन से संबंधित एक अधिवक्ता से ट्रंप के बड़े बेटे की मुलाकात एवं रूसी अधिकारियों के साथ व्हाइट हाउस में ट्रंप की मुलाकात शामिल है. जिस बैठक में कोमी को हटाये जाने के बारे में चर्चा हो रही थी उस बैठक में प्रीबस ने हिस्सा लिया था और व्हाइट हाउस में तथा प्रचार के दौरान रिपब्लिकन नेशनल कमेटी के प्रमुख के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी.
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इससे पहले रूसी विज्ञापन के मुद्दे पर कंपनी के सीओओ सैंडबर्ग ने कहा था कि फेसबुक पर चुनाव में दखल नहीं होना चाहिए था और वह रूस और ट्रंप के मुद्दे पर बात नहीं करेगी. उन्होंने कहा, “हम जानते है कि यह हमारी जिम्मेदारी है कि ऐसी चीजों को फेसबुक पर होने से रोके और हमने कांग्रेस एवं खुफिया समितियों को भी यह कह दिया है कि हम विज्ञापनों को रिलीज करने के लिए तैयार है. हम उनकी मदद करने को तैयार है.”
सैंडबर्ग ने कहा कि अगर रूस द्वारा लिंक किए गए पोस्ट नकली के बजाय वास्तविक लोगों के होते, तो फेसबुक उन्हें साइट पर रहने देता. उन्होंने कहा, “लेकिन चुनाव के दौरान रूसी हस्तक्षेप को सक्षम करने में हमारी भूमिका के लिए फेसबुक अमेरिकी जनता से माफी मांगना चाहती है.”