इस चोट ने राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) में काम कर रहे विशेषज्ञों की योग्यता पर सवाल खड़े कर दिए हैं, क्योंकि उन्होंने भुवनेश्वर को क्लीन चिट दे दी थी।
भुवनेश्वर कुमार की चोट ने एक बार फिर एनसीए की पोल-पट्टी को खोल दिया है। इस चोट ने राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) में काम कर रहे विशेषज्ञों की योग्यता पर सवाल खड़े कर दिए हैं, क्योंकि उन्होंने भुवनेश्वर को क्लीन चिट दे दी थी। अब ऐसी खबरें हैं कि हार्दिक पांड्या और जसप्रीत बुमराह ने भी रिहैब के लिए एनसीए जाने से मना कर दिया है। बीसीसीआई के एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि प्रोटोकॉल के मुताबिक अनुबंधित खिलाड़ियों को रिहैब के लिए एनसीए जाना पड़ता है, लेकिन पांड्या और बुमराह ने साफ कर दिया है कि वह बेंगलुरु नहीं जाएंगे।
अधिकारी ने कहा, “पांड्या और बुमराह दोनों ने टीम मैनेजमेंट से साफ कह दिया है कि वह रीहैब के लिए अकादमी नहीं जाएंगे और इसलिए योगेश परमार पांड्या पर नजर बनाए हुए हैं जबकि नितिन पटेल ने बुमराह पर कड़ी नजर रखी है। हां, यह लोग अनुबंधित खिलाड़ी हैं और उन्हें एनसीए में होना चाहिए था, लेकिन जोखिम ज्यादा है और खिलाड़ी चोटों को लेकर गंभीर हैं। इसलिए एक समय के बाद आपको खिलाड़ियों को आजादी देनी होती है कि वह अपने हित को लेकर फैसले ले सकें।”
भुवी की चोट समझने में असफल रही एनसीए
भुवनेश्वर को हार्निया की शिकायत है। यह गेंदबाज विश्व कप के बाद से एनसीए से अंदर-बाहर होते रहे हैं क्योंकि उनकी कोशिश 100 फीसदी फिट होने की है। लेकिन एनसीए की टीम उनकी चोट को समझ पाने में असफल रही है और राष्ट्रीय टीम से दो मैच खेलने के बाद ही एक बार फिर वह चोटिल हो गए हैं।
अधिकारी ने कहा, “वह तीन महीने तक एनसीए में थे और बेंगलुरु में उनके कितने टेस्ट हुए, इसमें जाने के बजाए मैं यह कह सकता हूं कि उनकी सभी तरह से जांच कर ली गई थी। लेकिन उनका हार्निया ठीक नहीं हुआ। जैसे ही मुंबई में दोबारा उनकी जांच की गई यह सामने आ गया।”
ऋद्धिमान साहा का मामला भी है उदाहरण
उन्होंने कहा, “ऐसा पहली बार नहीं है कि खिलाड़ी को एनसीए में इस तरह की परेशानी हुई हो। ऋद्धिमान साहा का भी एक उदाहरण हमारे सामने है और अब वह न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज में नहीं खेल पाएंगे। हम सब जानते हैं कि वह टीम में क्या लेकर आते हैं। उनके पास स्विंग और सीम है। वह सर्जरी कराएंगे और आईपीएल के समय तक वापसी करेंगे।”
उन्होंने कहा, “अच्छी बात यह है कि भुवनेश्वर ने टीम प्रबंधन को जल्दी बता दिया कि उन्हें परेशानी हो रही है और नितिन तथा सपोर्ट स्टाफ ने भी उस पर तुरंत प्रतिक्रिया दी। हमने प्रोटोकॉल का पालन किया था और उन्हें तभी टीम में लाया गया था जब उन्हें फिट घोषित कर दिया गया था।”