पांडिचेरी यूनिवर्सिटी से मास कम्युनिकेशन में एमए की स्वर्ण पदक विजेता रबीहा अब्दुर्रहीम का आरोप है कि उन्हें दीक्षांत समारोह में शामिल होने की अनुमति नहीं दी गई, जबकि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद समारोह स्थल पर मौजूद थे। इस समारोह में पुडुचेरी के उपराज्यपाल किरण बेदी और मुख्यमंत्री वी नारायणसामी भी उपस्थित थे।
दीक्षांत समारोह में शामिल ना होने की अनुमति बाद अपना विरोध दर्ज कराने के लिए रबीहा अब्दुर्रहीम ने अपना पदक लेने से ही इनकार कर दिया। साथ ही नागरिकता अधिनियम कानून के खिलाफ भी उन्होंने अपना विरोध दर्ज करते हुए अपना पदक लेने ने मना कर दिया।
Puducherry: Rabeeha Abdurehim, MA gold medalist in Mass Communication from Pondicherry University alleges that she was not allowed to attend the convocation ceremony, while President Ram Nath Kovind was present at the venue. (23.12) pic.twitter.com/Kn4ITgr277
— ANI (@ANI) December 24, 2019
रबीहा अब्दुर्रहीम का कहना है, “मुझे नहीं पता कि मुझे बाहर क्यों भेजा गया। लेकिन मुझे पता चला कि जब छात्रों ने पुलिस से इस बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि शायद इसलिए क्योंकि उसने अलग तरीके से स्कार्फ पहन रखा है। यह भी एक कारण हो सकता है कि उन्होंने मुझे बाहर भेजा लेकिन किसी ने भी यह मुझसे सामने से नहीं कहा।”
रबीहा अब्दुर्रहीम ने आगे कहा कि, “जब स्वर्ण पदक प्राप्त करने के लिए मंच पर आने को कहा गया, तो मैंने इसे अस्वीकार कर दिया। मैं स्वर्ण पदक नहीं चाहती थी क्योंकि भारत में जो कुछ भी हो रहा है वह बदतर है। यह छात्रों और उन सभी लोगों के साथ एकजुटता में है जो एनआरसी, सीएए और पुलिस की बर्बरता के खिलाफ शांतिपूर्ण तरीके से लड़ रहे हैं।”
Rabeeha Abdurehim: When they asked to come on stage to receive gold medal,I rejected it. I didn't want the gold medal because what is happening in India is worse. It's in solidarity with students&all the people who are fighting against NRC,CAA &police brutality in a peaceful way. https://t.co/YDrJOqck3Z pic.twitter.com/ATALEoLjeq
— ANI (@ANI) December 24, 2019
छात्रा ने स्पष्ट किया कि उसे अपने हिजाब को हटाने के लिए कभी नहीं कहा गया था। उन्होंने कहा, “मैं ऐसी खबरें देख रही हूं जिसमें कहा गया है कि मुझे अपना दुपट्टा हटाने के लिए कहा गया था। वह झूठा है। किसी ने मुझे कुछ हटाने के लिए नहीं कहा। किसी ने मुझे नहीं बताया कि मुझे बाहर क्यों रखा गया है। ”