बेंगलुरु के थलागट्टापुरा में गौकशी की तहकीकात करने गई एक महिला को संदिग्ध गौहत्यारों द्वारा निशाना बनाए जाने का मामला सामने आया है. पीड़ित गौकशी के लिए ले जाए गए जानवरों को बचाने के लिए गई थी.
100 से ज्यादा की भीड़ ने किया हमला
पीड़ित नंदिनी के मुताबिक घटना शनिवार रात की है, जब 100 से ज्यादा लोगों की भीड़ ने उस पर हमला कर दिया. नंदिनी ने बताया कि वह अपने कुछ दोस्तों के साथ थी और जेपी नगर में टीपू सर्किल के पास अवालहल्ली इलाके में ट्रैवल कर रही थीं.
संदिग्ध गतिविधियों के बाद हुआ शक
उन्होंने बताया कि इस इलाके में उन लोगों ने कुछ संदिग्ध गतिविधियां देखीं. इससे पहले 14 गायें मृत पाई गईं थीं. पीड़ित अपने दोस्तों के साथ संदिग्ध गतिविधियों को चेक करने गई. कथित तौर पर उनके एक दोस्त ने देखा कि गायों को लेन के एक कोने में ले जाया जा रहा है और कथित रूप से गौ कशी को अंजाम दिया जा रहा है.
बड़ी संख्या में बीफ की अवैध दुकानें
पीड़ित का कहना है कि उस इलाके में बड़ी संख्या में बीफ की अवैध दुकानें हैं. इसके बाद पीड़ित और उसके दोस्तों ने शाम 6.30 बजे के करीब थलागट्टापुरा में पुलिस के पास शिकायत दर्ज कराई.
पुलिस वालों के साथ गई घटनास्थल पर
नंदिनी के मुताबिक पुलिस ने उन्हें कार्रवाई का भरोसा दिया, वे लोग पुलिस स्टेशन में बैठे रहे और उन्हें बताया गया कि यहां 15-20 पुलिस वाले मौजूद हैं. नंदिनी और उनके दोस्तों ने पुलिस से गुजारिश की कि उन्हें भी घटनास्थल पर साथ ले जाया जाए ताकि वे बाकी के पुलिसकर्मियों को बता सके. पुलिस के दो कांस्टेबल नंदिनी की कार में बैठ गए और घटनास्थल के लिए रवाना हो गए.
भीड़ ने पीड़ित को पत्थर मारे
उन्होंने कहा कि जब हम वहां पहुंचे, तो लेन में भीड़ दिखाई दी. नंदिनी को लगा कि पुलिस के आने की सूचना पाकर लोग इकट्ठा हो गए हैं. इसलिए वो अंदर चली गईं. लेकिन, वहां का नजारा देखकर उन्हें हैरानी हुई कि वहां कोई भी पुलिस वाला मौजूद नहीं था. भीड़ उनके साथ पागलों की तरह व्यवहार कर रही थी और उनकी कार को घेर लिया था.
‘पाकिस्तान के समर्थन में नारे’
नंदिनी का दावा है कि वे लोग पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगा रहे थे. कार में वे और उनका दोस्त था. चारों ओर से उन लोगों पर पत्थरबाजी हो रही थी. किसी तरह नंदिनी ने अपनी गाड़ी निकाली और वापस पुलिस स्टेशन पहुंचीं.
शिकायतकर्ता के ऊपर चिल्ला रहा था SI
पुलिस स्टेशन में मौजूद सब इंस्पेक्टर आराम से बैठा हुआ था. किसी ने उनकी मदद करने की तकलीफ नहीं उठाई. न ही उनकी कोई तस्वीर ली गई. मदद करने के बजाय सब इंस्पेक्टर नंदिनी और उनके दोस्त के ऊपर चिल्ला रहा था.
उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि हम लोगों को सबक सिखाने के लिए यह ट्रैप था. हमने शिकायत लिखवाई लेकिन उसमें से आईपीसी की सारी धाराएं हटा दी गईं.