एन ईसा (सीरिया): सीरिया में एक करार के तहत आईएस के कुछ विदेशी लड़ाकों ने रक्का शहर छोड़ दिया है. किसी समय रक्का आईएस का गढ़ हुआ करता था. रक्का निकाय परिषद के वरिष्ठ सदस्य उमर अलाऊ ने बताया, ‘‘विदेशी लड़ाकों के एक समूह ने रक्का छोड़ दिया है.’’ उनसे आईएस के जेहादियों के रक्का से बाहर निकलने से जुड़े करार के बारे में सवाल किया गया था.
वह इसकी पुष्टि नहीं कर सके कि शनिवार (14 अक्टूबर) को कितने लड़ाकों ने शहर छोड़ा और ये लोग कहां गए. उन्होंने कहा, ‘‘इन्होंने आम लोगों को मानव ढला बना लिया और शहर से चले गए.’’ उमर ने शनिवार (14 अक्टूबर) को बताया था कि विदेशी और सीरियाई लड़ाकों के रक्का छोड़ने को लेकर एक करार हुआ है.
रक्का में सैन्य कार्रवाई में सहयोग कर रहे अमेरिका नीत गठबंधन ने कहा कि एक काफिला रक्का से बाहर जाएगा, लेकिन इससे इनकार किया कि आईएस के लड़ाके शहर से बाहर जा रहे हैं. अमेरिका समर्थित ‘सीरियन डेमोक्रेटिक फोर्स’ ने रक्का के करीब 90 फीसदी हिस्से को अपने नियंत्रण में ले लिया है.
रक्का से ISIS को खदेड़ने की आखिरी कार्रवाई शुरू, एसडीएफ ने संभाला मोर्चा
वहीं दूसरी ओर अमेरिका समर्थित सीरियाई लड़ाकों ने रक्का शहर में इस्लामिक स्टेट के कब्जे वाले आखिरी हिस्से पर नियंत्रण के लिए रविवार (15 अक्टूबर) को अभियान शुरू किया. कुर्द लड़ाकों के नेतृत्व वाले ‘सीरियन डेमोक्रेटिक फोर्सेज’ (एसडीएफ) ने कहा कि यह अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक पूरे शहर को ‘आतंकवादियों से मुक्त नहीं करा लिया जाता.’ एसडीएफ ने बीते जून महीने से रक्का में सैन्य अभियान शुरू किया था और अब वह शहर के 90 फीसदी हिस्से पर नियंत्रण स्थापित कर चुका है.
एसडीएफ और विपक्षी कार्यकर्ताओं के अनुसार आईएस के कब्जे वाले शहर के आखिरी हिस्से में मौजूद लड़ाकों में ज्यादातर विदेशी हैं. इस अभियान का नाम अरब कमांडर अदनान अबू अमजद के नाम पर रखा गया है. अमजद अगस्त महीने में रक्का में आईएस के खिलाफ लड़ते हुए मारा गया था. रक्का से नियंत्रण खोना आईएस के लिए बड़ा झटका होगा क्योंकि वह सीरिया और इराक के उन इलाकों में ज्यादातर क्षेत्रों को गंवा चुका है जिन पर उसने कब्जा किया था.