अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि ईरान के साथ युद्ध का विचार ठीक नहीं है, हालांकि उन्होंने बगदाद स्थित अमेरिकी दूतावास पर ईरान समर्थक प्रदर्शनकारियों द्वारा किए गए हमले को लेकर चेतावनी दी है। इराकी शिया मिलिशिया समर्थकों, जिनमें महिलाएं भी शामिल थीं, ने मंगलवार (31 दिसंबर) को अमेरिकी दूतावास परिसर की दीवार को तोड़ दिया था। उन्होंने ‘अमेरिका मुर्दाबाद’ के नारे लगाए और रिशेप्शन क्षेत्र में आग लगा दी थी।
प्रदर्शनकारी रविवार (29 दिसंबर) को हुए अमेरिकी हवाई हमलों का विरोध कर रहे थे, जिसमें कताइब हिजबुल्लाह (हिजबुल्ला ब्रिगेड) के कट्टरपंथी गुट के कम से कम 25 लड़ाके मारे गए थे। अमेरिका ने इस गुट पर अमेरिकी ठेकेदार की हत्या का आरोप लगाया है। राष्ट्रपति ट्रंप ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि ईरान में हालात से बेहतर ढंग से निपटा गया।
ईरान के साथ युद्ध की आशंका के बारे में पूछने पर अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, “मुझे नहीं लगता कि ईरान के लिए ये अच्छा विचार होगा… मैं शांति चाहता हूं… मुझे नहीं लगता कि ऐसा होगा।” इससे पहले ट्रंप ने ईरान को चेतावनी दी थी। उन्होंने ट्वीट किया था,” हमारे किसी भी प्रतिष्ठान में किसी की भी जान जाने या किसी भी प्रकार की क्षति के लिए ईरान पूरी ही तरह जिम्मेदार होगा।”
ट्रम्प ने कहा, ”उन्हें इसकी बड़ी कीमत चुकानी होगी। यह धमकी नहीं है, खतरा है। नववर्ष मुबारक हो।” रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने मंगलवार (31 दिसंबर) को कहा था कि 82वीं एयरबोर्न डिवीजन की त्वरित प्रतिक्रिया इकाई के करीब 750 सैनिकों को अगले कुछ दिनों में भेजने की तैयारी है। उन्होंने कहा, ”यह तैनाती अमेरिकी कर्मियों और प्रतिष्ठानों पर बढ़ते खतरों (जैसा कि आज बगदाद में हुआ) के बाद उचित और एहतियाती कदम हैं।” मंगलवार (31 दिसंबर) को हुए हमले के बाद दूतावास की सुरक्षा कड़ी करने के लिए अमेरिका ने नौसैनिकों के एक त्वरित प्रतिक्रिया दल को वहां पहले ही रवाना कर दिया था।