विवादित वीडियो वायरल होने के बाद जेएनयू छात्र शरजील इमाम के खिलाफ दिल्ली में भी दो शिकायतें दी गई हैं। शिकायत देने वालों में एक हिन्दू संगठन और एक अधिवक्ता शामिल हैं। वीडियो को भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने ट्वीट किया, जिसके बाद वीडियो पर राजनीति तेज हो गई है। वहीं शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों ने शनिवार रात शरजील इमाम मामले में बयान जारी कर कहा कि शरजील इमाम व किसी भी एक व्यक्ति को प्रदर्शन का आयोजक नहीं कहा जा सकता। शाहीनबाग की महिलाएं इस प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहीं हैं। हम सभी से आग्रह करते है कि खुद को प्रदर्शन का कथित मास्टरमाइंड व प्रतिनिधित्व करने वाला बताने वाले व्यक्ति विशेष के बहकावे में न आएं।
बयान का समर्थन नहीं : शाहीनबाग में प्रदर्शन कर रहे लोगों का जेएनयू छात्र शरजील इमाम के कथित वायरल वीडियो पर कहना था कि हम देश को बांटने संबंधी किसी बयान का समर्थन नहीं करते। शनिवार सुबह जेएनयू छात्र शरजील इमाम के कई वीडियो वायरल हुए, जिनमें वह यह बताता सुना जा रहा था कि कैसे प्रदर्शन की पटकथा लिखी गई। इसके बाद वीडियो में वह देश को बांटने संबंधी कई आपत्तिजनक बातें कह रहा है। इसे लेकर प्रदर्शनकारियों का कहना है कि हमारी लड़ाई सभी धर्म के लोगों के लिए संविधान की रक्षा के लिए है। हम देश को बांटने संबंधी किसी बयान का समर्थन नहीं करते। शिकायतकर्ताओं ने वीडियो के भाषण में जेएनयू छात्र के बयान को लेकर उस पर देशद्रोह का केस दर्ज करने की मांग की है। हालांकि, इस मामले में अभी कोई केस दर्ज नहीं किया गया है। पुलिस अधिकारी का कहना है कि शिकायतें मिली हैं, जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।
देशद्रोह में केस दर्ज करने की मांग : जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्र शरजील इमाम के विवादित वीडियो वायरल होने के बाद हिन्दू संगठन के कार्यकर्ता ने अमर कॉलोनी थाना पुलिस को शिकायत दी है। अपनी शिकायत में उन्होंने शरजील इमाम के खिलाफ देशद्रोह सहित कई धाराओं में केस दर्ज करने की मांग की है। इसके अलावा अधिवक्ता विवेक गर्ग ने दिल्ली पुलिस मुख्यालय और अपराध शाखा को शरजील इमाम के खिलाफ शिकायत दी है। दोनों ही शिकायतों में शरजील इमाम की गिरफ्तारी की मांग की गई है। ज्ञात हो कि शरजील इमाम के वीडियो को लेकर देश के अलग-अलग हिस्सों में एफआईआर दर्ज की गई है।
फेसबुक पर भी लिखे हैं आपत्तिजनक पोस्ट
शाहीनबाग में आयोजित सभा में देश को लेकर आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग करने वाला छात्र शरजील इमाम जेएनयू में इंडियन मार्डन लैंग्वेज का छात्र है। इसने अपने फेसबुक पोस्ट में भी कई आपत्तिजनक और भड़काऊ पोस्ट लिखे हैं। अपने एक पोस्ट में शरजील ने लिखा है कि, शाहीनबाग का मॉडल चक्का जाम का है, बाक़ी सब सेकेंडरी है। चक्का जाम और धरने में फ़र्क समझिए, हर शहर में धरने कीजिए, उसमें लोगों को चक्का जाम के बारे में बताइए और फिर तैयारी करके हाईवेज़ पर बैठ जाइए। एक अन्य फेसबुक यूजर ने शाहीन को टैग करके लिखा है कि शाहीनबाग सहित अन्य जगहों पर विरोध प्रदर्शन खड़ा करने में शरजील की भूमिका है।
वीडियो की जांच होगी : पुलिस अधिकारी का कहना है कि शिकायतें मिली हैं। अभी वायरल वीडियो को जांच के लिए कब्जे में लिया गया है। इन वीडियो को फॉरेसिंक लैब में भेजा जाएगा और जांच के बाद यह स्पष्ट हो पाएगा कि यह शाहीनबाग का है या नहीं। अगर वीडियो शाहीनबाग का है और उसमें कुछ गलत है तो मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी।
सोशल मीडिया पर भी ट्रेंड हो रहा बयान : जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्र शरजील इमाम के शाहीनबाग में दिए गए वक्तव्य को लेकर सोशल मीडिया पर भी तीखी प्रतिक्रिया आ रही है। रात साढ़े आठ बजे के बाद ट्वीटर पर शरजील इमाम ट्रेंड करने लगा। कई लोगों ने उसके पक्ष में तो कइयों ने विपक्ष में ट्वीट किए।
देश को बांटने वालों को जनता माफ नहीं करेगी: संबित पात्रा
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. संबित पात्रा ने एक वायरल वीडियो को लेकर आप और कांग्रेस पर निशाना साधा है। संबित पात्रा ने वीडियो जारी करते हुए कहा कि शाहीनबाग हिन्दुस्तान की स्वतंत्रता को तौहीन के रूप में देखता है। पात्रा ने कहा कि देश को बांटने और उसके टुकड़े-टुकड़े चाहने वालों को देश व दिल्ली की जनता माफ नहीं करेगी। संबित पात्रा ने कहा कि शाहीनबाग में कल एक भाषण दिया गया, जिसमें जिस प्रकार देशद्रोह की बात की गई वो चिंताजनक होने के साथ साथ देशद्रोह है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस भाषण में कहा गया है कि असम को भारत से अलग कर देना है और इसकी जिम्मेदारी हमारी है। मतलब शाहीनबाग की जिम्मेदारी है और यह सोच शाहीनबाग की है कि किस प्रकार भारत को टुकड़े-टुकड़े करके बांटना है। पूर्वोतर को भारत से अलग करने की बात इस भाषण में कही गई। संबित पात्रा ने कहा कि यह कैसा षड्यंत्र है कि सड़कों को बंद किया जाएगा, रेलमार्ग रोक दिए जाएंगे ताकि सेना असम नहीं पहुंच पाए। पात्रा ने आरोप लगाते हुए कहा कि शाहीनबाग की भीड़ को उकसाने का काम कांग्रेस और आप के नेता कर रहे हैं।
शाहीनबाग में देखा गया था इमाम
आसपास के लोगों ने बताया कि प्रदर्शन की शुरुआत में चार-पांच दिन शरजील शाहीनबाग में देखा गया था। उसे कई बार स्थानीय नेताओं व लोगों को एकत्रित कर बयानबाजी करते सुना गया। लेकिन लोग उसके विचारों से सहमत नहीं थे। उसे मंच साझा नहीं करने दिया गया।
लोगों में नाराजगी : प्रदर्शनकारियों ने शरजील इमाम की वीडियो व शुक्रवार को धरनास्थल पर मीडियाकर्मियों के साथ बदसलूकी की निंदा की। लोगों का आरोप था कि राजनीतिक पार्टियां अपने फायदे के लिए शांतिपूर्वक चल रहे उनके प्रदर्शन को योजनागत तरीके से बदनाम कर रही है। प्रदर्शनकारियों का कहना हैकि पार्टियां शाहीनबाग की छवि खराब कर जबरन उनका प्रदर्शन खत्म करवाना चाहती है। यह प्रदर्शन का विरोध कर रहे लोगों की साजिश है। जिसे वह कामयाब नहीं होने देंगे और अपनी मांगे नहीं मानें जाने तक अपना धरना-प्रदर्शन जारी रखेंगे।
कानून के बारे में बताएंगे : 26 जनवरी से प्रदर्शनस्थल पर शाहीन की तालीम श्रृंखला की शुरुआत की जा रही है। इसका विषय नागरिकता पर चर्चा है। इसमें लोगों को नागरिकता व उसके कानून के बारे में बताया जाएगा। पहले लेक्चर में जेएनयू प्रो. निवेदिता मेनन दोपहर तीन से चार बजे तक मंच को संबोधित करेंगी। इसके बाद रात 12 बजे मंच से संविधान की प्रस्तावना पढ़ी जाएगी।
जैनुल की हालत बिगड़ी
प्रदर्शनस्थल पर एक माह से दो लोग जैनुल आबिदीन व मेहरुन्निसा भूख हड़ताल पर बैठे हैं। इनमें से जैनुल आबिदीन की हालत बिगड़ गई है। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उनकी हालत स्थिर है। मेहरुन्निसा अभी मंच के पास भूख हड़ताल पर हैं। रोजाना मंच के पास ही कुछ बुजुर्ग महिलाएं बैठी रहती हैं। जिन्हें अब लोग दबंग दादियों के नाम से जानते हैं।
राष्ट्रगान गाकर मंच से एकता का संदेश
शाहीन बाग में सीएए, एनआरसी के विरोध में शनिवार को 41वें दिन भी प्रदर्शन जारी रहा। धरनास्थल पर दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश और चंड़ीगढ़ सहित अन्य जगहों से बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। मंच से देश की एकता व अखंडता के नारे लगाए गए। 26 जनवरी को धरनास्थल पर शाहीन की तालीम नामक एक कार्यक्रम होगा। रात में संविधान की प्रस्तावना पढ़ी जाएगी।