प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार (31 जनवरी) को जोर दिया कि सरकार के पास संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) पर बचाव की मुद्रा में आने का कोई कारण नहीं है और राजग नेताओं से संसद में मजबूती से सीएए का समर्थन करने को कहा। राजग की बैठक के बाद भाजपा के एक सहयोगी दल के एक नेता ने बताया कि प्रधानमंत्री ने संसद के बजट सत्र के दौरान आक्रामक रूप से सीएए पर विपक्ष के आरोपों का जवाब देने को कहा। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक अन्य नागरिकों की तरह ही हमारे ”अपने” हैं।
गौरतलब है कि विपक्षी दल सीएए को भेदभावपूर्ण बताता रहा है। सहयोगी दल के नेता ने नाम नहीं उजागर करने की शर्त पर बताया कि उन्होंने (मोदी) कहा कि सरकार ने संशोधित नागरिकता कानून पर कुछ भी गलत नहीं किया है और उसे बचाव में आने की कोई जरूरत नहीं है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के नेताओं ने त्रिपुरा में ब्रू जनजाति के सदस्यों के पुनर्वास एवं बोडो समझौते के लिये प्रधानमंत्री की सराहना की।
इससे पहले बैठक के दौरान जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने सरकार से राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) की प्रश्नावली से माता-पिता की विस्तृत जानकारी मांगने वाले सवालों को हटाने का आग्रह किया। जदयू नेता ललन सिंह ने बताया कि उन्होंने राजग की बैठक में यह मुद्दा उठाया और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भरोसा दिया कि इस मामले पर चर्चा की जाएगी।
सिंह ने बताया कि शिरोमणि अकाली दल और भाजपा के अन्य सहयोगियों ने भी इस मुद्दे पर जदयू का समर्थन किया। उल्लेखनीय है कि केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि एनपीआर प्रक्रिया के तहत लोग माता-पिता के निवास और जन्मस्थान जैसे सवालों का जवाब नहीं देने के लिए स्वतंत्र हैं।