चीन में अब तक 361 की मौत, 24 घंटे में 2100 से ज्यादा मामले सामने आए
नई दिल्ली/कोलकाता/बीजिंग. केरल में सोमवार को कोरोनावायरस से संक्रमण के तीसरे मामले की पुष्टि हुई। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, पीड़ित छात्र वुहान में पढ़ाई कर रहा था। अभी उसे कासरगोड जिले के अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है। इससे पहले 30 जनवरी और 2 फरवरी को वुहान से लौटे केरल के दो छात्रों को संक्रमित पाया गया था। दोनों का इलाज त्रिशूर और अलाप्पुझा के अस्पताल में चल रहा है। केरल में 1793 व्यक्तियों को उनके घरों में निगरानी में रखा गया है। वहीं, चीन में संक्रमण से अब तक 361 लोगों की मौत हो चुकी है। हुबेई प्रांत में 24 घंटे में 56 लोग मारे गए और 2103 मामले सामने आए हैं।
उधर, पश्चिम बंगाल सरकार ने चीन के वुहान से 23 जनवरी को लौटे उन 8 लोगों की पहचान कर ली है जो विमान में कोरोनावायरस संक्रमित केरल के छात्रों के साथ बैठे थे। पहचाने गए यात्रियों में 3 पश्चिम बंगाल के, 3 चीन के और 1-1 ओडिशा और दिल्ली के थे। चीन के यात्री अपने देश लौट चुके हैं। 5 भारतीयों को स्वास्थ्य विभाग के दिशा-निर्देशों का पालन करने को कहा गया है। उनके सैम्पल जांच के लिए भेज दिए गए हैं।
चीन के अधिकारियों के अनुसार, अब तक चीन में 17,205 मामले सामने आ चुके हैं। स्पुतनिक न्यूज एजेंसी के मुताबिक, रूस की रेलवे ने रविवार को कहा कि 3 फरवरी से कोरोनोवायरस के कारण चीन जाने वाली पैसेंजर ट्रेन सेवा पर रोक लगा दी है।
हॉन्गकॉन्ग में चीन के साथ सीमा बंद करने की मांग
हॉन्गकॉन्ग के अस्पताल के सैकड़ों कर्मचारी सोमवार को हड़ताल पर चले गए। उनकी मांग है कि कोरोनावायरस से बढ़ते खतरे को देखते हुए चीन के साथ हॉन्गकॉन्ग की सीमा को बंद किया जाए। हॉन्गकॉन्ग ने चीन जाने वाली रेल और फेरी (नौका) सेवा पहले ही बंद कर दी है। लेकिन, कर्मचारी पूरी तरह से सीमा बंद करने की मांग कर रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि पूरी तरह से सीमा बंद करना विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के निर्देशों के खिलाफ है।
भारत ने अपने नागरिकों को चीन से निकाला
भारत ने चीन में फंसे अपने नागरिकों को निकाल लिया है। रविवार को 330 लोगों को एयर इंडिया के विशेष विमान से दिल्ली लाया गया। इसमें 7 मालदीव के नागरिक भी थे। वहीं, शनिवार को 324 नागरिकों को वुहान से दिल्ली लाया गया था। सभी को दिल्ली के छावला स्थित आईटीबीपी सेंटर और सेना द्वारा मानेसर में तैयार शिविर में 14 दिनों तक रखा जाएगा।
अब संदिग्ध मरीजों को अलवर शिफ्ट करने की तैयारी
चीन से लाए गए संदिग्धों में से 300 को अलवर के ईएसआईसी अस्पताल में शिफ्ट किए जाने के केंद्र के निर्देश के बाद तैयारियां जारी हैं। 220 से ज्यादा लोगों का स्टाफ 82 घंटों से लगातार काम कर रहा है। रविवार देर रात तक काम जारी था और दो ब्लिडिंग पूरी तरह से तैयार कर दी गई थी। संदिग्धों के लिए बेड, बिजली, पानी खाने-नहाने की व्यवस्था से लेकर टीवी, वाईफाई, स्टडी सेटअप के साथ केटरिंग तक की सुविधा मुहैया कराई गई है। जयपुर, जोधपुर, पाली, उदयपुर समेत लगभग पूरे राजस्थान से यहां डॉक्टर्स, नर्सिंग, फार्मासिस्ट और पैरामेडिकल स्टाफ लगाया गया है।
जिस बिल्डिंग में अस्पताल बना वो 2 साल से बंद थी
ईएसआई की यह बिल्डिंग 2014 में तैयार हो गई थी लेकिन ऑडिटोरियम और स्टेडियम तैयार नहीं होने की वजह से 2018 के मार्च में इसे शुरू किया गया। जिन गर्ल्स और ब्यॉज हॉस्टल को तैयार किया गया है, वे पिछले दो साल से तो बंद थे। पांच दिन पहले इन्हें खोला गया है। गर्ल्स हॉस्टल के 10 मंजिला में इन कमरों को तैयार किया गया है। कुल 96 कमरों में 288 लोगों के लिए व्यवस्था की गई है। संदिग्धों को इस अस्पताल में 28 दिन रखा जाएगा।
पहला मामला वुहान में दिसंबर में सामने आया
नोवल कोरोनवायरस का मामला पहली बार दिसंबर 2019 में चीन के वुहान में सामने आया था। यह अब तक 20 से ज्यादा देशों में फैल चुका है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 31 जनवरी को ग्लेबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दी। ताकि अन्य देश एहतियाती कदम उठा सकें। अब तक जापान में 20, थाईलैंड में 19, सिंगापुर में 18, हॉन्गकॉन्ग में 15, दक्षिण कोरिया में 15, ऑस्ट्रेलिया में 12, जर्मनी और ताइवान में 10-10, अमेरिका में 9, मकाऊ और मलेशिया में 8-8, फ्रांस और वियतनाम में 6-6, यूएई में 5, कनाडा में 4, इटली, रूस, फिलीपींस, ब्रिटेन और भारत में 2-2, नेपाल, कंबोडिया, स्पेन, फिनलैंड, स्वीडन और श्रीलंका में 1-1 मामले की पुष्टि हुई।