परेशानी-कश्मीरी पंडितों के विस्थापन पर बनी ‘शिकारा’ मुश्किल

1990 में कश्मीर से विस्थापित हुए कश्मीरी पंडितों पर बनी फिल्म शिकारा रिलीज से महज तीन दिन पहले ही मुश्किल में नजर आ रही है। फिल्म की रिलीज रोकने के लिए जम्मू एंड कश्मीर हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। जिसमें यह कहा गया है कि फिल्म में कश्मीर के इतिहास को गलत ढंग से दिखाया गया है। साथ ही कश्मीरी पंडितों के बारे में झूठे तथ्य दिखाए गए हैं।

रिपोर्ट्स के अनुसार याचिकाकर्ता माजिद हैदरी, इफ्तिखार मिसगर और इरफान हाफिज लोन ने कहा- शिकारा में जो दिखाया गया है, वह 80 के दशक में घाटी में पंडितों के पलायन के दौरान हुई घटनाओं की सही तस्वीर नहीं है। उनका यह भी कहना है कि फिल्म आतंकवादियों और आम कश्मीरियों को अलग नहीं करती है। ये वही आम कश्मीरी नागिरक थे जिन्होंने कश्मीरी पंडितों को कश्मीर न छोड़ने के लिए मनाने की कोशिश की थी।

याचिका में यह भी कहा गया है कि शिकारा में घटनाओं को अलग ढंग से दिखाया गया है। फिल्म सीधे तौर पर कश्मीरी मुसलमानों को इस बात का जिम्मेदार ठहरा रही है कि उनके कारण ही कश्मीरी पंडित बड़ी संख्या में पलायन कर गए थे। इस याचिका पर सुनवाई कब होगी यह स्पष्ट नहीं है। याचिका में यह भी है कि यह भारतीय जनता में फूट डालेगी और कश्मीरियों के तिरस्कार का कारण बनेगी।

बात अगर फिल्म ‘शिकारा’ की करें तो यह विधु विनोद चोपड़ा और फॉक्स स्टार स्टूडियों के प्रोडक्शन में बनी है। शिकारा से दो नए चेहरे, आदिल खान और सादिया डेब्यू कर रहे हैं। फिल्म् की शूटिंग कश्मीर में और जगती शरणार्थी कैम्प में हुई है। यह 7 फरवरी को रिलीज होने वाली है।

विधु की आपबीती है फिल्म : विधु ने एक ट्वीट के जरिए फिल्म के बारे में कहा था कि यह उनकी आपबीती है। विधु ने लिखा- मैंने फिल्म् की दिल्ली स्क्रीनिंग के दौरान भी यह कहा था कि सॉफ्ट पोर्न बनाने वाले मेकर्स की तरह नहीं। कश्मीर और वहां 1990 में पंडितों के साथ हुई घटनाएं मेरे लिए पैसा कमाने का जरिया नहीं हैं। यह वो हकीकत है जिसे मैंने खुद जिया है।

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