हर उम्र के व्यक्ति और हर प्रकार के लोगों की अपनी पसंद होती है। इस प्रकार मिश्रित उम्र उनकी भिन्न रूचि के आधार पर यह कहना कि सुबह का नाश्ता किस प्रकार का होना चाहिए, बड़ा जटिल प्रश्न बन जाता है।
लेकिन सामान्यीकरण करने पर एक सामान्य व्यक्ति को दिन के सात दिन में से छ दिन स्वास्थ्यवर्धक नाश्ता करना चाहिए। सातवें दिन थोड़ी बहुत लापरवाही चल सकती है।
न्यूट्रिशन एक्सपर्ट्स कहते है कि सुबह का नाश्ता बेहद स्वास्थ्य वर्द्धक होना चाहिए। उसमे प्रोटीन, फाइबर और कार्बोहाइड्रेट की मात्रा सम्मिलित होनी चाहिए। लेकिन जानकारी के आभव में हमलोग न जाने क्या क्या सुबह के नाश्ते में खा लेते है जिसे खाने की बिलकुल भी सलाह नही दी जाती है। ऐसी चीजें जिन्हें हमें सुबह के नाश्ते में नही खानी चाहिए या यूं कहिए कि इन्हें खाने से बचना चाहिए। जैसे कि:
- प्रोसेस्ड अनाज जैसे कॉर्न फ्लेक्स, चोकोस आदि (बाद में सुधारा गया)
- पेनकेक्स और वेफल्स
- मफिन्स
- फलों का रस
- टोस्टर पेस्ट्री
- मीठा नॉन फैट दही
- ग्रेनोला बार
- स्टोर से खरीदी गई स्मूदी
- डोनट
- कॉफ़ी
- स्टोर खरीदा नाश्ता सैंडविच
- मक्खन के साथ टोस्ट
- पूर्व मिश्रित दलिया
- बेकन और सॉसेज
- मक्खन या क्रीम पनीर के साथ एक बैगेल रोटी।
- लेकिन कुछ न खाना उपरोक्त में से कुछ खाने से बेहतर नही है।
मुद्दे की बात यह है कि ऐसा कुछ भी जो मैदे से बना है, मीठे से भरपूर है, जिसमे प्रोटीन, फाइबर और कार्बोहाइड्रेट की संतुलित मात्रा का आभव हो, जो सिर्फ पेट तो भरता है लेकिन शरीर को पोषण नही देता, उसे नाश्ते में खाने से बचना चाहिए। बल्कि नाश्ते में ही नहीं, कभी भी खाने से बचना चाहिए।
लेकिन कभी ऐसी स्थिति बन जाय कि विकल्प मौजूद न हो तो आप बिना कुछ खाये रहने से बेहतर है जो उपलब्ध है उसमें से ही कुछ खा लें। नाश्ते में बिना कुछ खाये रहना अस्वास्थ्यकर खाने से ज्यादा नुकसानदेह है।
जवाब के अनुरोध के लिए अनेक आभार।