केंद्र ने अपनी अर्जी में कहा है कि सिर्फ पवन के पास कानूनी विकल्प बचा है, लेकिन इस वजह से बाकी दोषियों की भी फांसी नहीं हो पा रही है.
केंद्र का कहना है कि फांसी को टालने के लिए दोषी जिस तरह से कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग कर रहे हैं, उसे जारी रहने देना न्याय के हित में नहीं है.
नई दिल्ली: निर्भया गैंगरेप और हत्या के मामले में केंद्र की अर्ज़ी पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने इस केस के चारों दोषियों को कल तक जवाब देने का आदेश दिया है. अपनी अर्जी में केंद्र ने दोषियों को अलग-अलग फांसी पर लटकाने की इजाज़त मांगी है. इस मामले की अगली सुनवाई अब शुक्रवार को होगी.
सिर्फ पवन के पास कानूनी विकल्प बचा- कोर्ट से केंद्र
केंद्र ने अपनी अर्जी में कहा है कि सिर्फ पवन के पास कानूनी विकल्प बचा है, लेकिन इस वजह से बाकी दोषियों की भी फांसी नहीं हो पा रही है. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने इस अर्ज़ी पर दोषियों को नोटिस जारी किया था. अब कोर्ट को तय करना है कि क्या दोषियों को अलग-अलग फांसी पर लटकाया जा सकता है.
कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग कर रहे हैं दोषी- कोर्ट से केंद्र
केंद्र का कहना है कि फांसी को टालने के लिए दोषी जिस तरह से कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग कर रहे हैं, उसे जारी रहने देना न्याय के हित में नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट आज निर्भया मामले के एक और गुनाहगार विनय शर्मा की याचिका पर भी सुनवाई करेगा. विनय ने राष्ट्रपति के पास से अपनी दया याचिका खारिज होने को चुनौती दी है. उसका कहना है कि उसकी अर्ज़ी पर फैसला पूरी प्रक्रिया का पालन किए बिना जल्दबाज़ी में लिया गया है. राष्ट्रपति ने 1 फरवरी को विनय की दया याचिका खारिज की थी.