आयुष्मान ने भारत के छोटे कस्बों की अनोखी कहानियों के जरिये लोगों पर अपने अभिनय की छाप छोड़ी है.
आयुष्मान 2017 में आयी ‘बरेली की बर्फी’ से हाल ही में आयी फिल्म ‘बाला’ तक लगातार हिट फिल्में दे रहे हैं.
आयुष्मान खुराना अब तक लगभग हर तरह की फिल्मों में काम कर अपने अभिनय का लोहा मनवा चुके हैं लेकिन अभी भी उन्हें रोहित शेट्टी स्टाइल की एक्शन थ्रिलर फिल्म का इंतजार हैं. आयुष्मान ने भारत के छोटे कस्बों की अनोखी कहानियों के जरिये लोगों पर अपने अभिनय की छाप छोड़ी है और अब वह ‘शुभ मंगल ज्यादा सावधान’ के साथ फिर दर्शकों के सामने आ रहे हैं. इस फिल्म में वह समलैंगिक प्रेमी की भूमिका में हैं.
आयुष्मान ने पीटीआई भाषा से कहा, “सिनेमाहाल में लोगों को दो घंटे तक फिल्म से जोड़े रखना जरूरी है. कोई सामान्य विषय भी हो , लेकिन अगर फिल्म अच्छी है तो लोग उसे देखेंगे. अब मैं एक्शन थ्रिलर में काम करना चाहता हूं. मैं रोहित शेट्टी के साथ काम करना चाहता हूं. यह मेरे लिए एकदम अलग अनुभव होगा.”
आयुष्मान ने कहा कि रोचक स्क्रिप्ट की खोज में जहां जाना होगा वह जाएंगे, क्योंकि वह ये करना चाहिए और ये नहीं, इसमें विश्वास नहीं करते. आयुष्मान 2017 में आयी ‘बरेली की बर्फी’ से हाल ही में आयी फिल्म ‘बाला’ तक लगातार हिट फिल्में दे रहे हैं.
उन्होंने कहा, “मैं वर्तमान में जीता हूं लेकिन भविष्य के बारे में भी सोचता रहता हूं. मैं हमेशा सोचता हूं कि आगे क्या और इसे लेकर उत्साहित रहता हूं. जो विषय मुझे आजकल मिल रहे हैं वे बेहतरीन हैं. मुझे ‘फोमो’(गुम हो जाने का डर) लगा रहता है. मैं हमेशा चाहता हूं कि विशेष विशेष पर सबसे पहले काम मैं करूं. यही डर मुझे नए-नए विषयों पर काम करने में सक्षम बनाता है.”
श्रीराम राघवन की ‘अंधाधुन’ और अनुभव सिन्हा की ‘आर्टिकल 15’ का जिक्र करते हुए आयुष्मान ने कहा कि केवल एक अच्छी पटकथा ही काफी नहीं है बल्कि आसपास देखकर यह पता लगाना होता है कि किन मुद्दों पर काम करने की जरूरत है. ‘अंधाधुन’ के लिए आयुष्मान को राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिल चुका है.
उन्होंने कहा, “चाहे आप स्थापित अभिनेता ही क्यों ना हो लेकिन किसी विशेष विषय पर काम मांगने में शर्मिंदगी महसूस नहीं करनी चाहिए. ”
दिलचस्प फिल्में करने की इच्छा के कारण ही आयुष्मान ने ‘शुभ मंगल ज्यादा सावधान’ के लिए तुरंत हां कर दी. यह फिल्म हिंदी सिनेमा में समलैंगिक संबंधों पर आधारित चुनिंदा फिल्मों में से एक होगी. आयुष्मान इस फिल्म को समलैंगिक प्रेम कहानी से अधिक लोगों में समलैंगिकता के बारे में जागरूकता फैलाने वाली फिल्म मान रहे हैं.
उन्होंने कहा, ”हम दो पुरूषों के बीच के समलैंगिक संबंधों पर जोर नहीं दे रहे बल्कि यह एक परिवार की प्रतिक्रिया है जो तब आती है जब उसे पता चलता है कि उनका बेटा गे है. यह दिखाना जरूरी है क्योंकि इस ओर यह हमारा पहला कदम है. हम सीधे 10वां कदम नहीं बढ़ा सकते क्योंकि इस विषय को लेकर लोगों में अभी भी झिझक है.”
उन्होंने कहा कि बॉलीवुड फिल्मों में समलैंगिकता का कभी सच्चा प्रस्तुतीकरण नहीं किया गया. मुख्य धारा की फिल्मों में इसे संवेदनहीनता से हंसी ठिठोली के लिए प्रयोग किया जाता रहा है जिसकी हमेशा से आलोचना की गई है.