नई दिल्ली. उद्योग समूह अदाणी ग्रुप कर्ज के बोझ से दबी सरकारी एयरलाइन एअर इंडिया के लिए बोली लगा सकता है। ग्रुप के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक कंपनी में इस मुद्दे पर आंतरिक तौर पर विचार-विमर्श का दौर जारी है कि कंपनी को एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट दाखिल करना चाहिए या नहीं। अभी इस पर बातचीत शुरुआती स्तर पर है। यदि ग्रुप ईओआई दाखिल करती है तो यह उसके डायवर्सिफिकेशन की दिशा में एक और मोड़ होगा।
कई उद्योग क्षेत्रों में सक्रिय है अदाणी ग्रुप
अदाणी ग्रुप विभिन्न उद्योग क्षेत्रों में सक्रिय है, इनमें खाद्य तेल, फूड से लेकर माइनिंग और मिनरल्स जैसे उद्योग क्षेत्र शामिल हैं। इसने एयरपोर्ट ऑपरेशन और मैंटेनेंस के कारोबार में भी कदम रखा है। इसने 2019 में छह एयरपोर्ट्स के निजीकरण की बोली जीती है। इनमें अहमदाबाद, लखनऊ, जयपुर, गुवाहाटी, तिरुवनंतपुरम और मेंगलुरू के एयरपोर्ट शामिल हैं। सरकार ने इस वित्त वर्ष में विनिवेश से 2.1 लाख करोड़ रुपए का हासिल करने का लक्ष्य निर्धारित कर रखा है। इसमें एअर इंडिया विनिवेश का महत्वपूर्ण लक्ष्य है। एअर इंडिया पर 31 मार्च 2019 तक 60,074 करोड़ रुपए का कर्ज था। इसमें से खरीदार को 23,286 करोड़ रुपए के कर्ज का बोझ सफल बोलीदाता को वहन करना होगा।
बोली लगाने के लिए 17 मार्च तक जमा करनी हो निविदा
एअर इंडिया की सहयोगी कंपनी एअर इंडिया एक्सप्रेस है। इसके बेड़े में कुल 146 विमान हैं। एअर इंडिया को खरीदने के लिए बोली लगाने की अंतिम तारीख 17 मार्च है। निवेश और लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) ने आरंभिक सूचना ज्ञापन और शेयर खरीद समझौते पर अतिरिक्त जानकारी चाहने वालों के लिए सवाल भेजने की अंतिम तारीख 11 फरवरी रखी थी। इसके बाद पूछे गए सवालों के आधार पर सरकार ने 21 फरवरी को 20 स्पष्टीकरण का एक सेट जारी किया था।
एअर इंडिया के लिए बोली में संभावित कंपनियां
- अदाणी ग्रुप
- हिंदुजा
- टाटा
- इंडिगो
- इंटरअप्स
घरेलू विमानन बाजार में कंपनियों की हिस्सेदारी
कंपनी | हिस्सेदारी |
इंडिगो | 48% |
स्पाइसजेट | 15% |
एअर इंडिया | 13% |
गो एयर | 11% |
एयर एशिया | 7% |
विस्तारा | 6% |