दिल्ली में हुए दंगे को लेकर आरोपों में-आदमी पार्टी के पार्षद मोहम्मद ताहिर हुसैन कौन हैं?

नागरिकता संशोधन कानून के बाद दिल्ली में भड़की हिंसा और इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) के कर्मचारी अंकित शर्मा की हत्या का आरोप नेहरू विहार से आम आदमी पार्टी (आप) के निगम पार्षद ताहिर हुसैन और उनके समर्थकों पर लग रहा है। अंकित शर्मा का शव बुधवार को चांद बांग में एक नाले से मिला था। अंकित के परिवार के सदस्यों ने सीधे-सीधे ताहिर हुसैन और उनके समर्थकों पर अगवा करके अंकित को जान से मारने का आरोप लगाया है। हालांकि, ताहिर हुसैन इन आरोपों को झूठा बता रहे हैं। उन्होंने कहा है कि अपनी और परिवार की सुरक्षा के लिए मैंने सोमवार को ही अपना घर छोड़कर चला गया था।

एक टीवी चैनल से बातचीत में आईबी अफसर अंकित के भाई अंकुर ने हत्या के लिए ‘आप’ के निगम पार्षद मोहम्मद ताहिर हुसैन का नाम लिया है। चैनल से बातचीत में अंकित के भाई कहते हैं, ‘जो सीएए-एनआरसी का विरोध कर रहे हैं, लोगों को मार रहे हैं, प्रॉपर्टी जला रहे हैं, उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए। इन्होंने कितने घरों का नाश कर दिया, इसमें एक घर हमारा भी है। हमारा घर बर्बाद हो गया।’

अंकुर आगे कहते हैं, ‘मेरे भाई अंकित करीब 4.30 बजे ड्यूटी से आ रहे थे। भीड़ ने आईबी में सर्विस करने वाले मेरे भाई को गली के बाहर पकड़ लिया और उन्हें खींच कर ताहिर हुसैन के मकान में ले गई। भीड़ यहां से चार लड़कों को खींचकर उनके घर ले गई थी, जिनमें से अभी तक तीन लोगों के शव मिल चुके हैं। यह मुझे पता नहीं कि वह इसको सपोर्ट कर रहे है या नहीं।’ सोशल मीडिया पर ऐसे वीडिय भी शेयर किए जा रहे हैं, जिसमें लोग ताहिर हुसैन के घर की छत से पत्थरबाजी करते दिख रहे हैं।

अंकित के पिता रविंद्र शर्मा ने बताया, ‘कुछ लोग जो ताहिर की छत से पत्थरबाजी कर रहे थे उन्होंने ही मेरे बेटे को मारा है।’ उन्होंने कहा कि अंकित पर हमल तब हुआ जब वह ड्यूटी से घर लौट रहे थे। रविंद्र शर्मा के मुताबिक, ताहिर के घर से पत्थरबाजी कर रहे 15-20 लोग नीचे उतरे और अंकित समेत 5-6 लोगों को खींचकर इमारत के अंदर लेकर चले गए। उन्होंने यह भी कहा कि जब लोगों ने अंकित और अंदर खींचकर ले जाए गए अन्य युवकों को बचाने की कोशिश की तो ताहिर के घर के अंदर से फायरिंग हुई।

रविंद्र शर्मा का आरोप है कि ताहिर के कहने पर ही उसके समर्थकों ने उनके बेटे की पहले पिटाई की, फिर गोली हत्या कर दी। इसके बाद शव को छिपाने के लिए नाले में फेंक दिया। उन्होंने दयालपुर थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी। इसके बाद बुधवार को पुलिस ने नाले से शव को बरामद कर लिया। डीसपी वेद प्रकाश सूर्या का कहना है कि मामले में हत्या का केस दर्ज किया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही मौत के सही कारणों का पता चलेगा। अंकित शर्मा 2017 में आईबी में भर्ती हुए थे।

इसके अलावा, सोशल मीडिया पर नेहरू विहार के कई लोग भी कई लोग ऐसा दावा कर रहे हैं कि दिल्ली हिंसा के पीछे ताहिर हुसैन की भूमिका संदिग्ध है। शिकारा’ फिल्म के पटकथा लेखक राहुल पंडिता ने भी अपने ट्विटर अकाउंट से कहा, ‘मैं कल पूरा दिन नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में था। लोगों ने आम आदमी पार्टी के पार्षद के ऊपर गंभीर आरोप लगाए हैं।’

दूसरी तरफ, ताहिर हुसैन ने आरोपों पर एक वीडियो जारी कर सफाई दी है। अज्ञात जगह से वीडियो जारी कर  ताहिर ने कहा, ‘मेरे बारे में जो भी खबरें चलाई जा रही हैं या दिखाई जा रही हैं, ये सरासर गलत हैं। गंदी राजनीति के चलते मुझे बदनाम किया जा रहा है। जब से कपिल मिश्रा ने भड़काऊ भाषण दिया है, तब से ही दिल्ली के हालात खराब हैं। जगह-जगह पत्थरबाजी देखने को मिल रही है। परसों हमारे यहां भी ऐसा ही हुआ, जिसे देखने के बाद मैंने तुरंत पुलिस से संपर्क किया। एक भीड़ मेरे ऑफिस का गेट तोड़कर जबरन छत पर चढ़ गई थी, जिसके लिए मैंने पुलिस से मदद मांगी। कई घंटों बाद पुलिस पहुंची तब जाकर काबू हुआ। पुलिस अधिकारी की निगरानी में ही मकान की तलाशी ली गई। चेक करने के बाद पुलिस ने ही हमें परिवार के साथ सुरक्षित बाहर भेज दिया। यकीन मानिए मैं एक सच्चा भारतीय मुसलमान हूं। मैं जिंदगी में कभी किसी को नुकसान नहीं पहुंचा सकता। मैं खुद जान बचाकर अपने रिश्तेदार के यहां रह रहा हूं।’

ताहिर हुसैन उत्तर पूर्वी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र में आने वाले वार्ड संख्या 59 नेहरू विहार (पूर्वी दिल्ली नगर निगम) के निगम पार्षद हैं।

 

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