दिल्ली हिंसा को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात के बाद पूर्व पीएम मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) ने बताया कि उन्होंने राष्ट्रपति से आग्रह किया कि वह ‘राजधर्म’ की रक्षा के लिए अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करें.
नई दिल्ली. दिल्ली में भड़की हिंसा के मामले पर कांग्रेस (Congress) अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) की अगुवाई में पार्टी के शिष्टमंडल ने गुरुवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ramnath Kovind) से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा. राष्ट्रपति से मुलाकात करने वाले पार्टी शिष्टमंडल में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस की प्रमुख नेता प्रियंका गांधी, अहमद पटेल और गुलाम नबी आजाद, मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला और कुछ अन्य नेता शामिल थे.
राष्ट्रपति कोविंद से मुलाकात के बाद पूर्व पीएम मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) ने कहा कि पिछले कुछ दिनों के भीतर दिल्ली में जो कुछ भी हुआ है वो बहुत चिंताजनक और राष्ट्रीय शर्म का विषय है. यह हालात को नियंत्रित रखने में केंद्र सरकार की पूरी विफलता का प्रमाण है. सिंह ने कहा कि हमने राष्ट्रपति से कहा है कि वह सरकार से ‘राजधर्म’ का पालन करने के लिए कहें.
‘हिंसा के दौरान केंद्र एवं दिल्ली सरकार मूकदर्शक बनी रही’
कोविंद से मुलाकात के बाद सोनिया ने कहा कि सीडब्ल्यूसी की बैठक में हमने दिल्ली में स्थिति को लेकर कई मुद्दों पर चर्चा की थी. हमने राष्ट्रपति से मिलने और अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपने का फैसला किया. उन्होंने ज्ञापन के कुछ हिस्से पढ़े और दावा किया कि केंद्र और दिल्ली सरकार हिंसा को लेकर मूकदर्शक बनी रहीं. गृह मंत्री और प्रशासन की निष्क्रियता से बड़े पैमाने पर जानमाल का नुकसान हुआ.
Delhi: A delegation from the Indian National Congress led by Congress interim president Sonia Gandhi and former Prime Minister Dr. Manmohan Singh called on President Ram Nath Kovind at Rashtrapati Bhavan today. pic.twitter.com/BdiNPVU5pW
— ANI (@ANI) February 27, 2020
कांग्रेस की ओर से सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है, ‘हम इस बात को दोहराते हैं कि गृह मंत्री को हटाए जाए क्योंकि वह हिंसा को रोकने में अक्षम साबित हुए.’ पार्टी ने ज्ञापन में राष्ट्रपति से कहा, ‘हम आपसे आग्रह करते हैं कि नागरिकों के जीवन, संपत्ति और आजादी की सुरक्षित रखा जाए. हम आशा करते हैं कि आप निर्णायक कदम उठाएंगे.’
गौरतलब है कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली के कई हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा किया और लोगों में सुरक्षा का भाव पैदा करने के लिए उनके साथ बातचीत की. हिंसा में 34 से अधिक लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए. (एजेंसी इनपुट के साथ)