भोपाल: मध्यप्रदेश के चार लापता कांग्रेस विधायकों में से एक हरदीप सिंह डंग ने विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति को अपना इस्तीफा भेज दिया है. पत्र में हरदीप डंग ने कहा कि दूसरी बार लोगों का जनादेश मिलने के बावजूद पार्टी द्वारा उनकी लगातार अनदेखी की जा रही है. उन्होंने अपने पत्र में कहा कि ‘कोई भी मंत्री काम करने के लिए तैयार नहीं है, क्योंकि वे एक भ्रष्ट सरकार का हिस्सा हैं.’
मध्यप्रदेश के सियासी ड्रामे में अब नया मोड़ आ गया है. सुवासरा से कांग्रेस विधायक हरदीप डंग ने इस्तीफा दे दिया है. वहीं पिछले दो दिनों से गायब विधायकों ने कांग्रेस के बीजेपी पर विधायकों को अगवा करके बंधक बनाए जाने के आरोपों को खारिज कर दिया है.
Madhya Pradesh Congress MLA Hardeep Singh Dang has tendered his resignation from the post of Member of Legislative Assembly. (file pic) pic.twitter.com/sKqGi34YYX
— ANI (@ANI) March 5, 2020
कांग्रेस विधायक हरदीप डंग ने अपना इस्तीफा विधानसभा सचिवालय और मुख्यमंत्री को सौंप दिया है. बाकी तीन विधायक भी वापस नहीं लौटे हैं. ऐसे में मध्यप्रदेश विधानसभा में कांग्रेस के पास 113 विधायक बचे हैं, बीजेपी के पास 107 एमएलए हैं. 230 सदस्यों वाली विधानसभा में फिलहाल दो सदस्यों के निधन से संख्या 228 है. इसमें कांग्रेस को दो बसपा, एक सपा और चार निर्दलीय विधायकों का समर्थन हासिल है, लेकिन एक निर्दलीय भी गायब है.
इस मुसीबत के अलावा एक और मुसीबत सरकार को समर्थन दे रहे तीन विधायकों के बयान हैं. बसपा की विधायक रामबाई का कहना है कि- ”मेरा दिल्ली जाने का कार्यक्रम पहले से ही तय था. मेरी बेटी ने फ्लाइट का टिकट बुक कराया था. दिग्विजय का भूपेंद्र सिंह के साथ जाने का आरोप गलत है. किसी ने मुझे हाथ तक नहीं लगाया और कहा जा रहा है कि मारपीट की गई. ना भाजपा और ना ही कांग्रेस में इतनी हिम्मत है कि मुझे हाथ लगा सके. भाजपा पर लगाए जा रहे खरीद-फरोख्त के सभी आरोप गलत हैं.”
बसपा के ही एमएलए संजीव सिंह ने कहा कि ”मुझे खुद आश्चर्य हुआ, ये मंत्री कह रहे हैं, ठीक नहीं है. वे अपने संगठन में पार्टी हाईकमान में अपने नंबर बढ़ाना चाहते हैं. मैं आपके माध्यम से चेतावनी देना चाहता हूं कि हमारे कंधे पर बंदूक रखकर नंबर ना बढ़ाएं.”
समाजवादी पार्टी के एमएलए राजेश शुक्ला ने कहा कि ”हमें शर्म आ रही है, क्यों बदनामी कर रहे हो. छह फीट का शरीर है, परिवार भी सक्षम है. क्षेत्र में सक्षमता है. हमारे क्षेत्र की जनता में संदेश जा रहा है, हम बंधक बने थे! दाल रोटी ठीक से चलती है भैया, 35 करोड़ की जरूरत नहीं है. देखे भी नहीं हैं. देख लें तो हार्ट की बीमारी ना हो जाए.”
मध्यप्रदेश में सरकार को समर्थन दे रहे इन तीन विधायकों ने कांग्रेस के नेताओं के अगवा और पैसे के पेशकश की थ्योरी को पलटकर सवाल उठाने वाली कांग्रेस को ही सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया.
विधायकों के रवैये से बीजेपी को चुटकी लेने का मौका मिल गया है. बीजेपी नेता नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि इनको सोचना चाहिए, चले कैसे जाते हैं. इतनी नाराजगी भी क्या कि इनके साथ कोई रहना नहीं चाहता.
सूत्रों के मुताबिक इस पूरे ऑपरेशन को ऑपरेशन होली का नाम दिया गया. सूत्र ये भी कह रहे हैं खतरा खत्म नहीं हुआ, फिलहाल टला है.
विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने एक बयान में कहा है कि – ”मुझे सुवासरा विधायक हरदीप सिंह डंग के इस्तीफ़ा देने की ख़बर मिली है. उन्होंने मुझसे प्रत्यक्ष रूप से मिलकर इस्तीफ़ा नहीं सौंपा है. जब वे प्रत्यक्ष रूप से मुझसे मिलकर इस्तीफ़ा सौपेंगे तो मैं नियमानुसार उस पर विचार कर आवश्यक कदम उठाऊंगा.”