यस बैंक (Yes Bank) संकट पर एसबीआई के चेयरमैन रजनीश कुमार ने शनिवार को कहा कि यस बैंक में जमाकर्ताओं का पैसा पूरी तरह से सुरक्षित है। उन्होंने कहा कि एसबीआई यस बैंक में 2,450 करोड़ रुपये का निवेश करेगा। रजनीश कुमार ने कहा कि एसबीआई बोर्ड ने यस बैंक में 49 फीसदी तक की हिस्सेदारी लेने की सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। इस योजना पर कानूनी टीम काम कर रही है।
बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक ने संकट में फंसे निजी क्षेत्र के यस बैंक पर गुरुवार को सख्ती बढ़ाते हुए बैंक के निदेशक मंडल को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया था। साथ ही बैंक के ग्राहकों के लिए धन निकासी की सीमा 50 हजार रुपये तय कर दी गई थी। ग्राहक एक माह में इससे अधिक राशि नहीं निकाल सकेंगे। रिजर्व बैंक ने एसबीआई के पूर्व मुख्य वित्त अधिकारी प्रशांत कुमार को यस बैंक का नया प्रशासक नियुक्त किया था।
Rajnish Kumar, SBI Chairman: Plan has been received by SBI and the legal team is working on the plan. We had informed through the stock exchange that SBI board has given in-principle approval of exploring possibility of picking up a stake of upto 49% in #YesBank pic.twitter.com/e6zxl9siYv
— ANI (@ANI) March 7, 2020
यस बैंक संकट पर जानें क्या बोलीं वित्त मंत्री
इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को यस बैंक संकट पर कहा था कि बैंक द्वारा कई बड़ी कंपनियों को 2014 से काफी पहले कर्ज दिया गया था। यह सब पहले से ही सार्वजनिक है। उन्होंने कहा था कि मैं इसमें ग्राहक गोपनीयता का उल्लंघन नहीं कर रही हूं। इनमें अनिल अंबानी समूह, एस्सेल, डीएचएफएल, आईएलएफएस, वोडाफोन उन संकटग्रस्त कंपनियों में शामिल हैं, जिन्हें यस बैंक ने कर्ज दिया था। उन्होंने कहा कि वह इन नामों का खुलासा इसलिए कर रही हूं, क्योंकि विपक्षी दल उंगली उठा रहे हैं। सीतारमण ने इसके साथ ही यह भी कहा कि यह सब सार्वजनिक है और वह ग्राहकों की निजता का उल्लंघन नहीं कर रही हैं।
लंबे समय से संकट में था
निजी क्षेत्र का यस बैंक काफी समय से बढ़ते डूबे कर्ज की समस्या जूझ रहा था। बैंकिग नियमों के अनुपालन के लिए बैंक को दो अरब डॉलर की जरूरत है लेकिन पिछले दो साल में कई निवेशकों से बातचीत के बावजूद वह राशि जुटाने में असफल रहा है।
पीएमसी बैंक के बाद दूसरा मामला
छह महीने पहले रिजर्व बैंक ने बड़ा घोटाला सामने आने के बाद पीएमसी बैंक के मामले में भी इसी तरह का कदम उठाया था।