कोलेस्ट्रॉल एक केमिकल कंपाउंड होता है, जो शरीर में कोशिकाओं के निर्माण के लिए जरूरी है। लेकिन इसमें एक सीमा से ज्यादा बढ़ोतरी कई तरह से खतरनाक साबित हो सकती है। बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल दिल और मस्तिष्क के लिए तो घातक होता ही है, साथ ही यह किडनियों के लिए भी नुकसानदेह है। इसलिए समय-समय पर जांच करवाकर कोलेस्ट्रॉल के स्तर के बारे में जानकारी लेते रहें, ताकि उसे कंट्रोल में रख सके। कोलेस्ट्रॉल में बढ़ोतरी का संबंध हमारी खानपान की आदतों से भी है। यानी खानपान संबंधी आदतों में सुधार करके भी कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल किया जा सकता है। आज जानते हैं कि हम ऐसा क्या कर सकते हैं :
1. सुबह की शुरुआत लहसुन से
लहसुन में ऐसे एंजाइम्स पाए जाते हैं, जो एलडीएल यानी खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मददगार साबित होते हैं। एक रिसर्च के अनुसार लहसुन के नियमित सेवन से एलडीएल के स्तर में 9 प्रतिशत तक की कमी हो सकती है। रोजाना सुबह के समय खाली पेट लहसुन की दो कलियों को चबा-चबाकर खाना फायदेमंद होगा।
2. चाय पीने से पहले बादाम खाएं
बादाम में ओमेगा-3 फैटी एसिड होते हैं, जो बुरे कोलेस्ट्रॉल को घटाने और अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने में मददगार होते हैं। इन्हें एक रात पहले पानी में भिगोकर सुबह चाय से करीब 20 मिनट पहले खाना चाहिए। पानी में भिगोने से बादाम में फैटी तत्व कम हो जाता है। प्रतिदिन पांच से छह बादाम खाना भी पर्याप्त होगा। इसका एक माह का खर्च लगभग उतना ही होगा, जितना कोलेस्ट्रॉल होने पर उसे घटाने वाली दवाओं पर होता है। साथ ही अखरोट का सेवन भी करेंगे तो दोगुना फायदा होगा। काजू को अवॉइड करना चाहिए।
3. भोजन में अधिक से अधिक फाइबर हों
नाश्ते से लेकर डिनर तक, आप जब भी और जो भी खाएं, वह फाइबरयुक्त होना चाहिए। रोजाना अपने दोनों समय के भोजन में सलाद को जरूर शामिल करें। सलाद में शामिल तमाम तरह की चीजें जैसे प्याज, मूली, गाजर, चुकंदर आदि फाइबर्स से युक्त होती हैं। ओट्स, स्प्राउट्स और शकरकंद में भी काफी मात्रा में फाइबर्स होते हैं। इन्हें नाश्ते में लें। संतरे, नाशपाती, पपीते, चीकू जैसे फल भी फाइबर के अच्छे स्रोत होते हैं।
4. बाहर की तली हुई चीजों को ना कहें
ट्रांसफैट के लगातार सेवन से एलडीएल जैसा बुरा कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है, जबकि एचडीएल जैसे अच्छे कोलेस्ट्रॉल का लेवल 20 फीसदी तक घट जाता है। ट्रांसफैट मुख्य रूप से डीप फ्राइड, बैक्ड और क्रीम वाली चीजों में होता है। खासकर एक ही तेल को बार-बार गर्म करने से उसमें ट्रांसफैट की मात्रा बढ़ जाती है। बाहर के खाने में आमतौर पर इसी तरह के तेल का ज्यादा इस्तेमाल होता है। इसलिए बाहर की डीप फ्राइड चीजें अवॉइड करनी चाहिए।
5. वानस्पतिक प्रोटीन का सेवन बढ़ाएं
वानस्पतिक प्रोटीन से मतलब ऐसा प्रोटीन होता है जो वनस्पतियों यानी पेड़-पौधों से मिलता हो। यह प्रोटीन दालों, राजमा, चना, मूंगफली, सोयाबीन आदि के जरिए हासिल किया जा सकता है। इससे बैड कोलेस्ट्रॉल के लेवल को काफी तेजी से घटाने में मदद मिलती है और गुड कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ता है।
अंडा खाने से कोलेस्ट्रॉल नहीं बढ़ेगा, पर एक ही खाएं : रिसर्च
अब तक ऐसी धारणा रही है कि अंडों का सेवन बैड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है। यह धारणा इसलिए बनी क्योंकि अंडे में डायटरी कोलेस्ट्रॉल होता है। लेकिन अब पॉपुलेशन हेल्थ रिसर्च इंस्टीट्यूट (पीएचआरआई) तीन वैश्विक अध्ययनों के विश्लेषण के बाद इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि सीमित मात्रा में अंडे खाने से न तो कोलेस्ट्रॉल के स्तर में बढ़ोतरी होती है और न ही दिल के लिए खतरा पैदा होता है। रिसर्च इंस्टीट्यूट के अनुसार रोजाना एक अंडा कोलेस्ट्रॉल बढ़ने की चिंता से मुक्त होकर खाया जा सकता है।
पीएचआरआई ने जिन तीन अध्ययनों का विश्लेषण किया है, उनमें कुल मिलाकर 1 एक लाख 77 हजार लोग शामिल थे। ये लोग किसी एक देश में नहीं, बल्कि 55 देशों में फैले हुए थे। ये अध्ययन भी लंबी अवधि में किए गए। इसलिए इन अध्ययनों को पहले हुए अध्ययनों के मुकाबले कहीं अधिक विश्वसनीय माना जा रहा है।