नई दिल्ली. न्यूयॉर्क टाइम्स के लिए लिखा गया येल यूनिवर्सिटी में मेडिसिन के प्रोफेसर डॉ. हारलेन क्रुमहोल्ज का लेख. अगर आप आजकल ज्यादा थके हुए रहते हैं, खांसी चल रही है, सांस लेने में भी परेशानी हो रही है और फिर बुखार भी है तो आपको यह जरूर लगेगा कि शायद आप भी कोरोनावायरस से संक्रमित हो गए हैं। आप डॉक्टर के पास जाएंगे तो आपको घर में ही आइसोलेट रहने की सलाह दी जाएगी। यह तब तक के लिए होगा, जब तक आपकी हालत और ज्यादा खराब न हो जाए। जब आपकी तबीयत और बिगड़ने लगेगी, तो डॉक्टर आपकी नाक से एक पट्टी चिपकाकर इंफ्लूएंजा का टेस्ट करेंगे और आपको कह दिया जाएगा कि आप निगेटिव हैं, आपको कोई संक्रामक बीमारी नहीं है।
आपका कोरोनावायरस संक्रमण का टेस्ट नहीं होगा। आपको कहा जाएगा कि बेहद ज्यादा खराब हालत में पहुंच चुके लोगों की ही कोरोनावायरस के संक्रमण की जांच होगी। अब डॉक्टर आपको सर्दी-जुकाम ठीक करने की कुछ एंटीबायोटिक्स देकर घर भेज देंगे, क्योंकि उन्हें भी नहीं पता है कि क्या करना है। फिर, आप घर आकर उन सेलिब्रिटिज के बारे में पढ़ने लगेंगे जो कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं, लेकिन उनमें भी ऐसे लक्षण नहीं मिले हैं। कुछ दिनों बाद भी जब आपकी तबीयत ठीक नहीं होती है तो आप फिर से डॉक्टर के पास जाते हैं। वे दोबारा आपकी नाक से एक पट्टी चिपकाकर टेस्ट करेंगे, लेकिन इस बार कोरोनावायरस की जांच की जाएगी। नतीजा आने में एक से दो दिन लगते हैं, इसलिए वे आपको घर जाकर इंतजार करने को कहते हैं। आखिरकार नतीजा आता है कि आप कोरोनावायरस से संक्रमित नहीं हैं।
As Iran struggles with a devastating coronavirus outbreak, a broken economy and a severe shortage of medical equipment, it says that American trade sanctions are taking Iranian lives and has called for the U.S. to lift them on humanitarian grounds https://t.co/1t22yRks2Y
— The New York Times (@nytimes) April 2, 2020
दुनियाभर में ऐसे कई मरीज, जिनमें कोरोनावायरस के पुख्ता लक्षण थे, लेकिन टेस्ट निगेटिव आया
यह किसी एक मरीज की कहानी नहीं, कई लोग इस स्थिति से गुजरे हैं। जिनमें लक्षण होने के बावजूद कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट निगेटिव आई। स्टेटिक्स में भी इन्हें शामिल नहीं किया जाता। इन्हें यह भी नहीं पता होता कि उनकी इस नई बीमारी का इलाज क्या है?
आप कोरोना नेगेटिव हैं, तो शायद आप संक्रमित न हों : सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन
कोरोनावायरस का पता लगाने के लिए सबसे आम टेस्ट रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पॉलीमरेज चेन रिएक्शन (आरटी-पीसीआर) है। यह तकनीक उन वायरस के कणों का पता लगा सकती है, जो संक्रमण की शुरुआत में श्वसन तंत्र में मौजूद रहते हैं। तकनीकी रूप से यह छोटे से छोटे वायरस का पता भी लगा सकती है, लेकिन हकीकत में नतीजे कुछ और ही मिले। यह तकनीक कोरोनावायरस को पहचानने में कई बार गलत साबित भी हो रही है। जैसा कि सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने कहा है कि अगर आप कोरोना निगेटिव पाए जाते हैं तो शायद आप संक्रमित न हों। यहां ‘शायद’ शब्द का मतलब यही है कि हो सकता है कि आप संक्रमित हों, लेकिन टेस्ट की रिपोर्ट नेगेटिव आई।
चीन में हुई एक स्टडी में बताया गया था, 30% से ज्यादा निगेटिव टेस्ट गलत थे
मैंने ऐसे कई किस्से अपने साथी डॉक्टर्स और मरीजों से सुने हैं कि पहले उनका टेस्ट निगेटिव आया, लेकिन बाद में जब उनकी हालत और ज्यादा खराब हुई तो दोबारा टेस्ट में वे पॉजिटिव पाए गए। फिलहाल, अमेरिका में हमारे पास इस तरह की टेस्ट रिपोर्ट का डेटा नहीं है। लेकिन चीन में इस पर हुई एक स्टडी में बताया गया था कि गलत निगेटिव टेस्ट का प्रतिशत 30 से ज्यादा है। मेरे साथी डॉक्टर्स, रिसर्चर और लैबोरेटरी मेडिसिन के एक्सपर्ट्स का कहना है कि अमेरिका में इसका प्रतिशत और ज्यादा हो सकता है।
New York Times: Thousands of ventilators in the federal gov't stockpile don't work https://t.co/teO4A0nBlF
— Oliver Darcy (@oliverdarcy) April 2, 2020
गलत टेस्ट रिजल्ट के कारण : सैम्पल लेने या तकनीक में गलती
किसी टेस्ट के निगेटिव आने के कई कारण हो सकते हैं। हो सकता है कि सैम्पल सही तरीके से नहीं लिया गया हो। सामान्य तौर पर इस तकनीक में एक पट्टी को नाक के अंदर तक कई बार घुमाकर फ्लूड का सैम्पल लिया जाता है। यह आसान नहीं होता, मरीज के लिए भी इसे झेल पाना बहुत मुश्किल होता है। दूसरा कारण लैब में इस्तेमाल की जा रही तकनीकों और चीजों का गलत तरीके से इस्तेमाल भी हो सकता है।
फिलहाल, यही कहा जा सकता है कि अगर आप में कोरोनावायरस के संक्रमितों जैसे लक्षण हैं और आपका टेस्ट निगेटिव आया हो तो भी यह मान लीजिए कि आपके कोरोना संक्रमित होने की पूरी-पूरी संभावना है। इससे बचने के लिए हमें अपने व्यवहार में थोड़े बदलाव लाने ही चाहिए। लगातार हाथ धोते रहना, चेहरे को हाथ न लगाना, सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखना।
- चीन में हुई एक स्टडी के मुताबिक, 30% से ज्यादा कोरोना संक्रमित मरीजों की टेस्ट रिपोर्ट शुरुआत में निगेटिव आई थी, जो बाद में गलत साबित हुई
- अमेरिका के सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने एक बयान में कहा था- अगर आप कोरोना निगेटिव हैं तो शायद आप संक्रमित न हों; यहां उन्होंने ‘शायद’ शब्द का उपयोग किया था
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