इलायची खाने के क्या फायदे होते हैं?

मुंह की बदबू होती है दूर : सभी जानते हैं कि इलायची खाने से मुंह की बदबू दूर होती है लेकिन क्या यह सोचा है कि मुंह से बदबू क्यों आती है। दरअसल पेट खराब होने के कारण मुंह से बदबू आने लगती है। हरी इलायची खाने से पेट का हाजमा ठीक होता है साथ ही इसमें मौजूद एक ताकतवर एंटीबैक्टेरियल रसायन की वजह से मुंह की बदबू भी खत्म होती है।

यह समस्या को जड़ से निकालने में मदद करती है। इसका नियमित सेवन करने के लिए कोई टिप की आवश्यकता नहीं है, हर बार भोजन के बाद इलायची खाना शुरु कर दें। इसके अलावा सुबह उठते ही केवल इलायची की चाय यानी इलायची को पानी में उबालकर एक कप पिएं। इससे आपका हाजमा ठीक हो जाएगा।

हाजमा की प्रक्रिया दुरुस्त होती है : कभी यह सोचा है कि भोजन के बाद इलायची को सौंफ के साथ ही क्यों खाया जाता है? दरअसल इलायची में मौजूद तत्व हाजमें की प्रक्रिया को गति को तेज करने में सहायक होते हैं। इलायची पेट की अंदरूनी लाइनिंग की जलन को शांत करती है हृदयशोथ और उबकाइयां आने के एहसास को दबाती है। यह म्यूकस मैंब्रेन की दाह को शांत करने तथा उसे ठीक से काम करने के लिए प्रेरित करने के लिए जानी जाती है। यह ऐसिडिटी के लक्षणों को भी कम करती है। आयुर्वेद में तो यह पेट के पानी और वहां मौजूद वायु को ठीक करने वाली मानी गई है।

बदहजमी, पेट फूलना, गैसेस जैसी समस्या से निपटने के लिए हरी इलायची, खड़ा धनिया, लौंग,सुखी अदरक को मिलाकर पीस लें और गर्म पानी के साथ एक चम्मच लें। बदहजमी के कारण उठे सिरदर्द में हरी इलायची की चाय फायदा करती है।

एसिडिटी से छुटकारा : क्या आप जानते हैं कि इलायची में तैल भी मौजूद होता है। इलायची में मौजूद इसेंशियल ऑयल पेट की अंदरुनी लाइनिंग को मजबूत करने में सहायक होता है। एसिडिटी में पेट में एसिड्स जमा हो जाते हैं। उससे पेट की लाइनिंग क्षतिग्रस्त हो सकती है। इलायची मुंह में लेते ही लार अधिक मात्रा में बनने लगती है इससे एसिडिटी का प्रभाव कम हो जाता है और इससे छुटकारा मिलता है। हर बार भोजन के बाद इलायची जरूर खाएं। भोजन करने के तत्काल बाद बैठने की बजाए इलायची मुंह में दबाकर सौ कदम चलें। आयुर्वेद में इसे शतपादवली चिकित्सा भी कहा जाता है।

फेफड़ों की समस्या का निदान : हरी इलायची से फेफड़ों में रक्तसंचार तेज गति होने लगता है, इससे सांस लेने की समस्या जैसे अस्थमा, तेज जुकाम और खांसी जैसे रोगों के लक्षणों में कमी आती है। आयुर्वेद में इलायची को गर्म तासीर का माना गया है जो शरीर को अंदर से गर्म करती है। इससे बलगम और कफ बाहर निकालकर छाती की जकड़न को कम करने में मदद मिलती है।

रक्तअल्पता को कम करती है इलायची : इलायची में मौजूद है एक महत्वपूर्ण धातु यानी तांबा। इसके अलावा इसमें लौहांश, आवश्यक विटामिन्स जैसे राइबोफ्लाविन, विटामिन सी, और नियासिन भी मौजूद रहते हैं। इन सभी तत्वों को लाल रक्तकणों को उत्पन्न करने एवं बढ़ाने में महत्वपूर्ण माना जाता है। शरीर में रक्त की कमी के कारण पैदा हुए लक्षणों को कम करने में इलायची महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। रक्तअल्पता दूर करने के लिए इलायची पावडर को हल्दी के साथ गर्म दूध में डालकर लेना चाहिए। चाहें तो मिश्री अथवा गुड़ से मीठा भी कर सकते हैं। गुड़ में अधिक मात्रा में लोहा होता है जिससे रक्तअल्पता का ठीक तरह से मुकाबला किया जा सकता है।

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