अध्ययन में दावा किया गया है कि ‘इवरमेक्टिन’ नाम की दवा से वायरस सार्स-सीओवी-2 को 48 घंटे के भीतर कोशिकाओं में बढ़ने से रोक लिया गया.
मेलबर्न. कोरोना वायरस (Coronavirus) से संक्रमित मरीजों की संख्या दुनियाभर में तेजी से फैल रही है. अब तक 12 लाख से अधिक लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं, जबकि 64 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. दुनियाभर के वैज्ञानिक कोरोना वायरस के संक्रमण को खत्म करने के लिए वैक्सीन बनाने में जुटे हुए हैं. इसी बीच एक खबर ने वैज्ञानिकों में उम्मीद की किरण जगाई है. वैज्ञानिकों ने जांच में पाया है कि दुनिया भर में पहले से मौजूद एक दवाई से 48 घंटे के अंदर मानव शरीर में पैदा हुए कोरोना वायरस को मारा जा सकता है. इस खोज के साथ अब वैज्ञानिकों ने इस ओर अपना कदम बढ़ाना शुरू कर दिया है.
Gujarat: Jyoti CNC, a Rajkot based firm held a successful trial of ventilator 'Dhaman 1' manufactured by them yesterday, in wake of #Coronavirus outbreak. The firm will be giving 1000 ventilators free of cost to Gujarat govt. The cost of one ventilator is around Rs 1 lakh. pic.twitter.com/q050aZzCHZ
— ANI (@ANI) April 5, 2020
ये रिपोर्ट ‘एंटीवायरल रिसर्च’ नामक पत्रिका में प्रकाशित हुई है. अध्ययन में दावा किया गया है कि ‘इवरमेक्टिन’ नाम की दवा से वायरस सार्स-सीओवी -2 को 48 घंटे के भीतर कोशिकाओं में बढ़ने से रोक गया है.
ऑस्ट्रेलिया के मोनाश विश्वविद्यालय से जुड़े काइली वागस्टाफ ने कहा, हमने पाया कि एक खुराक भी 48 घंटों तक सभी वायरल आरएनए को हटा सकती है और 24 घंटे में इसमें काफी कमी आती है. वैज्ञानिकों ने कहा कि ‘इवरमेक्टिन’ एक मान्यताप्राप्त दवा है, जिसे एचआईवी, डेंगू, इन्फ्लुएंजा और जीका वायरस सहित विभिन्न वायरसों के खिलाफ प्रभावी माना गया है. वागस्टाफ ने हालांकि आगाह किया कि अध्ययन में किए गए परीक्षण प्रयोगशाला के हैं और ये परीक्षण लोगों में किए जाने की आवश्यकता है.
वागस्टाफ ने कहा, आइवरमेक्टिन व्यापक रूप से इस्तेमाल की जाती है और इसे एक सुरक्षित दवा माना जाता है. हमें अब यह पता लगाने की जरूरत है कि मनुष्यों में इस्तेमाल की जाने वाली इसकी मात्रा प्रभावी होगी या नहीं, यह अगला कदम होगा.
Panchkula: Pawan Kumar,a daily wage painter has put up a"Help Us" poster outside his house on Chandigarh-Panchkula road, says,"Due to lockdown,I've got no work now. It's difficult to even buy food as I don't have any money left.Govt should help me so that I can feed my children". pic.twitter.com/8pF2NRNMF2
— ANI (@ANI) April 5, 2020
जल्द मिल सकती है बड़ी खुशखबरी
वागस्टाफ ने कहा कि ऐसे समय, जब हम वैश्विक महामारी का सामना कर रहे हैं और इसका कोई मान्यताप्राप्त उपचार नहीं है, ऐसे में हमारे पास पहले से मौजूद यौगिक जल्द ही लोगों की मदद कर सकता है. वैज्ञानिकों ने हालांकि कहा कि इस रोग का मुकाबला करने के लिए ‘इवरमेक्टिन’ का उपयोग भविष्य के परीक्षणों के परिणामों पर निर्भर करेगा.
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