नरेंद्र मोदी सरकार पेट्रोल-डीजल की कीमतों को लेकर आलोचनाओं से घिरी हुई है। वहीं पेट्रोलियम मंत्री ने धर्मेंद्र प्रधान ने यह कहकर वित्त मंत्री अरुण जेटली के पाले में गेंद डाल दी है कि पेट्रोलियम पदार्थों की कीमत तभी तार्किक हो सकती है जब उन्हें वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाया जाए। केंद्र सरकार ने एक जुलाई को देश में सभी अप्रत्यक्ष करों की जगह जीएसटी लागू किया था लेकिन पेट्रोलियम उत्पादों को अभी इससे बाहर रखा गया है।
पिछले एक महीने में पेट्रोल की कीमत में सात रुपये से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है। मोदी सरकार ने 16 जून से पेट्रोल की कीमतों की दैनिक समीक्षा नीति लागू की है। उससे पहले तक पेट्रोल की कीमतों की पाक्षिक समीझा होती थी। आइए समझते हैं कि आखिर पेट्रोल की कीमतों को लेकर विवाद क्यों है? गुरुवार (14 सितंबर) को दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 70.39 रुपये प्रति लीटर, कोलकाता में 73.13 रुपये प्रति लीटर, मुंबई में 79.5 रुपये प्रति लीटर और चेन्नई में 72.97 लीटर रही। पेट्रोल की ये कीमत अगस्त 2014 के बाद सर्वाधिक हैं।