भारत में कोरोना वायरस संकट के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रेस कॉन्फ्रेंस की। मीडिया से बातचीत में राहुल गांधी ने कहा कि लॉकडाउन कोरोना का हल नहीं है। यह एक तरह से पॉज बटन की तरह है। राहुल गांधी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि मैंने पिछले एक-दो महीने में कई एक्सपर्ट्स से बात की है, लॉकडाउन कोरोना संकट का हल नहीं है। यह कुछ समय के लिए कोरोना को रोक सकता है, मगर खत्म नहीं कर सकता है। जब देश लॉकडाउन से बाहर आएगा तो इसका असर फिर से दिखना शुरू हो जाएगा। लॉकडाउन सिर्फ तैयारी करने का वक्त देता है। लॉकडाउन से कोरोना वायरस को नहीं हरा पाएंगे।
LIVE: Special Congress Party Briefing by Shri @RahulGandhi via video conferencing.#RahulSpeaksForIndia https://t.co/B7FzeIuiXK
— Congress (@INCIndia) April 16, 2020
टेस्टिंग को बढ़ाना होगा
राहुल गांधी ने मोदी सरकार को सलाह देते हुए कहा कि देश में रणनीति के तहत टेस्टिंग होनी चाहिए और टेस्ट की संख्या भी बढ़ाई जानी चाहिए। अगर कोरोना वायरस से लड़ना है तो टेस्टिंग को बड़े पैमाने पर बढ़ाना होगा। हमें उन इलाकों में भी टेस्टिंग करनी होगी जहां केस नहीं हैं। रैंडम टेस्टिंग की देश में जरूरत है। इस कोरोना वायरस के खिलाफ पूरे देश को एकजुट होना पड़ेगा। राहुल गांधी ने सरकार को सलाह दी कि राज्यों के मुख्यमंत्रियों से खुलकर बात कीजिए और उनकी मांगों को सुनिए। उन्हें ज्यादा से ज्यादा अधिकार दीजिए।
न्याय योजना का नाम बदलकर ही पैसे दे दीजिए
राहुल गांधी ने कहा कि कोरोना से लड़ने के लिए देश को दो मोर्चों पर ज्यादा काम करने की जरूरत है- एक हेल्थ और दूसरा अर्थव्यवस्था। फूड का सेफ्टी नेट तैयार करना होगा। जिनके पास राशन कार्ड नहीं हैं, उन्हें भी मुफ्त राशन दीजिए। साथ ही न्याय योजना के तहत पैसे दीजिए, भले ही आप इस योजना का नाम न दें और दूसरा नाम यूज करें। सिर्फ लॉकडाउन से ही बात नहीं बनेगी, आपको अपनी ताकत और संसाधन का सही से इस्तेमाल करना होगा। उन्होंने आगे कहा कि करोरोना को लेकर अभी देश में इमर्जेंसी जैसे हालात हैं। कोरोना के खिलाफ देश को एकजुट होकर लड़ना होगा। लॉकडाउन से बात नहीं बनी है, क्योंकि यह महामारी कुछ समय के लिए रुक गई है।
मोदी से नहीं, वायरस से लड़ने का समय
पीएम मोदी से कहां कमी रह गई के सवाल पर राहुल गांधी ने कहा कि जिस दिन कोविड-19 को हिंदुस्तान ने हरा दिया, उस दिन बताऊंगा कि सरकार से कमी कहां रह गई। आज मैं कंस्ट्रक्टिव सजेशन देना चाहता हूं, तू-तू-मैं-मैं नहीं करना चाहता। उन्होंने कहा कि मैं बहुत सी बातों में नरेंद्र मोदी से असमहत होता हूं, मगर आज मोदी जी से लड़ने का समय नहीं, बल्कि एकजुट होकर कोरोना वायरस से लड़ने का समय है।
कर्नाटक में 34 और #COVID19 मामले दर्ज़ किए गए हैं, इसमें बेलगावी के 17 लोग शामिल हैं (5 का दिल्ली जाने का इतिहास है)। राज्य में कोरोना वायरस के मामलों की कुल संख्या 313 है, जिसमें 82 डिस्चार्ज और 13 मौतें शामिल हैं: कर्नाटक सरकार pic.twitter.com/jprnQD6bFG
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 16, 2020
जाति-धर्म को भूलकर वायरस से लड़ना होगा
राहुल गांधी ने कहा कि देशभर में लॉकडाउन को रणनीति के तहत खोलना होगा। उन्होंने कहा कि अगर बीमारी से लड़ना हो तो हिन्दुस्तान को जाति-धर्म को भूलकर एक होना पड़ेगा। जहां हिन्दुस्तान ने बीच में लड़ाई की, बात वहीं खत्म हो जाएगी। इस बीमारी के लिए बड़े पैमाने पर जांच होनी चाहिए। इससे किसी को नुकसान नहीं है।
उन्होंने देशवासियों से कहा कि आपको इस कोरोना वायरस से डरने की जरूरत नहीं है। भारत इससे लड़ेगा और जीतेगा। यह थोड़ा कठिन और मुश्किल जरूर है, मगर हम सब मिलकर इससे लड़ेंगे। भारत जानता है कि किस परेशानी से कैसे लड़ा जाता है।
बुधवार को राहुल ने क्या कहा था
इससे पहले बुधवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने लॉकडाउन के कारण अन्न संकट से जूझ रहे गरीबों को राशन उपलब्ध कराने के लिए आपातकालीन राशन कार्ड जारी करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि देश में सरकार के पास किसी चीज की कोई कमी नहीं है। गोदामों में राशन पयार्प्त मात्रा में उपलब्ध है और लॉकडाउन में जो गरीब अन्न की किल्लत झेल रहे है उनको सार्वजनिक वितरण प्रणाली-पीडीएस के तहत इन कार्जों के माध्यम से राशन दिया जाना चाहिए।
राहुल ने कहा कि हम सरकार से अपील करते हैं कि इस संकट में आपातकालीन राशन कार्ड जारी किए जाएं। ये उन सभी के लिए हों जो इस लॉकडाउन में अन्न की कमी से जूझ रहे हैं। लाखों देशवासी बिना राशन कार्ड के पीडीएस का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं। अनाज गोदाम में सड़ रहा है जबकि सैकड़ों भूखे पेट इंतज़ार कर रहे हैं। यह अमानवीय है।
उनके रिकॉर्ड के अनुसार हमें पता चला कि पिछले 15 दिनों में उसने किन घरों में डिलीवरी की थी।हमने उन 72 घरों में रहने वाले लोगों को होम क्वारंटाइन में रहने के लिए कहा है। उसके रूममेट का परीक्षण किया गया है, रिपोर्ट की प्रतीक्षा की जा रही है: डीएम, दक्षिण दिल्ली https://t.co/7rNO9WaCAa pic.twitter.com/bKSBihbzxR
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 16, 2020
देश में कोरोना की स्थिति
देश में कोरोना वायरस के कारण मरने वाले लोगों की संख्या गुरुवार को 414 हो गई और मामलों की संख्या बढ़कर 12,380 तक पहुंच गई। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि कोविड-19 के 10,477 मरीजों का अभी भी इलाज चल रहा है, जबकि 1,488 लोग ठीक हो चुके हैं और उन्हें अस्पतालों से छुट्टी दे दी गई है और एक विदेशी नागरिक अपने देश चला गया है। कुल मामलों में 76 विदेशी नागरिक शामिल हैं। मंत्रालय ने अपने अद्यतन आंकड़ों में कहा है कि बुधवार शाम से 22 मौतें हुई हैं।
मंत्रालय के मुताबिक, इनमें से महाराष्ट्र में नौ, आंध्र प्रदेश में पांच, गुजरात में तीन, दिल्ली और तमिलनाडु में दो-दो और कर्नाटक में एक-एक मौत हुई है। अब तक कुल 414 मौतों में से, सबसे ज्यादा 187 मौतें महाराष्ट्र में हुई हैं, इसके बाद मध्य प्रदेश में 53, गुजरात में 33, दिल्ली में 32 पर और तेलंगाना में 18 मौतें हुई हैं। तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में 14-14 लोगों के मारे जाने की सूचना है। पंजाब में 13 मौतें हुई हैं जबकि कर्नाटक में 12 मौतें हुई हैं और उत्तर प्रदेश में 11 मौतें हुई हैं। पश्चिम बंगाल में सात मौतें दर्ज की गई हैं।
Punjab: State Food and Civil Supply Minister Bharat Bhushan Ashu visited Khanna Mandi in Ludhiana today where crop procurement procedure by the government, from farmers has begun. He says, "Procurement process began from yesterday. Our target is to procure 135 lakh metric ton". pic.twitter.com/5ibaIM56yv
— ANI (@ANI) April 16, 2020
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