देश में कोरोना वायरस के कुल मामले बढ़कर 29 हजार 974 हो गए। इन मामलों में 22 हजार 10 एक्टिव केस हैं. 7027 मरीज ठीक हो चुके हैं और 937 लोगों की मौत हो चुकी है।
नई दिल्ली. पिछले 24 घंटे में देश में कोरोना वायरस के 1594 नए केस सामने आए हैं और 51 लोगों की मौत हो गई है। नए मरीज सामने आने के बाद देश में कोरोना वायरस के कुल मामले बढ़कर 29 हजार 974 हो गए। इन मामलों में 22 हजार 10 एक्टिव केस हैं, 7027 मरीज ठीक हो चुके हैं और 937 लोगों की मौत हो चुकी है।
1594 new cases and 51 deaths reported in last 24 hours. India's total number of #Coronavirus positive cases rises to 29,974 (including 22010 active cases, 7027 cured/discharged/migrated and 937 deaths): Ministry of Health and Family Welfare pic.twitter.com/XKEarSluZm
— ANI (@ANI) April 28, 2020
कोविड-19 के इलाज के लिये प्लाज्मा थैरेपी या कोई अन्य थेरेपी स्वीकृत नहीं : स्वास्थ्य मंत्रालय
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना वायरस संक्रमण के प्लाज्मा थैरेपी से संभावित इलाज के बारे में मंगलवार को स्पष्ट किया कि उपचार की यह पद्धति अभी प्रयोग के दौर में है और ऐसी किसी भी पद्धति को मान्यता नहीं दी गयी है। स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने नियमित संवाददाता सम्मेलन में बताया कि परीक्षण के दौर से गुजर रही प्लाजमा थैरेपी के बारे में अभी तक पुष्ट प्रमाण नहीं मिले हैं जिनके आधार पर यह दावा किया जा सके कि इस पद्धति से कोरोना वायरस संक्रमण का इलाज किया जा सकता है। उन्होंने प्लाज्मा पद्धति से कोरोना वायरस संक्रमण के इलाज को लेकर किये जा रहे दावों को गलत बताते हुये स्पष्ट किया कि इस तरह की किसी पद्धति को अभी मान्यता नहीं दी गयी है।
In last couple of days 8 police personnel tested positive for #COVID19, their close contacts have been quarantined. Other personnel who were deployed at sensitive places were tested&fortunately, their reports came negative: Ravindra Shisve, Pune Joint Commissioner of Police(28.4) pic.twitter.com/wrIif9h6KQ
— ANI (@ANI) April 28, 2020
उल्लेखनीय है कि देश के विभिन्न अस्पतालों में प्लाज्मा थैरेपी से कोरोना वायरस संक्रमण का उपचार किये जाने के प्रयोग चल रहे हैं। इस पद्धति से इलाज संभव होने के दावों के बीच मंत्रालय ने स्थिति को स्पष्ट करते हुये यह जानकारी दी है। अग्रवाल ने प्लाज्मा थैरेपी से कोरोना वायरस संक्रमण के इलाज के दावों को भ्रामक और गैरकानूनी बताते हुये कहा कि फिलहाल यह पद्धति प्रयोग एवं परीक्षण के दौर में है। उन्होंने कहा कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने कोविड-19 के इलाज में इस पद्धति की प्रभावशीलता का पता लगाने के लिये राष्ट्रीय स्तर पर अध्ययन शुरु किया है। इसके तहत ही विभिन्न चिकित्सा संस्थानों में इस पद्धति का परीक्षण किया जा रहा है।
Taking stock of the situation, Union Home Minister Amit Shah has taken up the matter with the Gujarat government. The Home Minister discussed the issue with the Gujarat Chief Minister to facilitate the arrangements of the buses and the movement of fishermen: MHA https://t.co/Nrl5hleIam
— ANI (@ANI) April 28, 2020
अग्रवाल ने कहा, ‘‘आईसीएमआर ने अब तक इस बात की पुष्टि नहीं की है कि कोरोना वायरस के इलाज में प्लाज्मा थैरेपी कारगर साबित हुयी है। अभी यह दावा करने के पर्याप्त प्रमाण नहीं हैं प्लाज्मा थैरेपी से कोरोना वायरस संक्रमण का इलाज किया जा सकता है।’’ उन्होंने कहा कि ऐसी किसी भी पद्धति से कोरोना वायरस के संक्रमण का इलाज करना मरीज के जीवन के लिये घातक साबित हो सकता है। इसलिये आईसीएमआर द्वारा अध्ययन पूरा होने के बाद पुख्ता प्रमाणों के आधार पर इसे इलाज की पद्धति के रूप में मान्यता दिये जाने तक इसे उपचार का विकल्प नहीं माना जा सकता।
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