लॉकडाउन के बाद आने वाले दिनों में मकान सस्ते मिल सकते हैं यदि रियल एस्टेट कंपनियां सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी की सलाह मान लेती हैं। केंद्रीय मंत्री ने बुधवार को रियल एस्टेट सेक्टर की कंपनियों को अपने नहीं मकानों/फ्लैटों को बिना किसी मुनाफे या घाटे पर भी बेचने का मंत्र दिया। गडकरी के मुताबिक इससे उनकी लिक्विडिटी की स्थिति को बढ़ावा देने और लोन पर ब्याज को बचाने में मदद मिलेगी। उन्होंने यह बात रियल्टर्स बॉडी NAREDCO द्वारा आयोजित वेबिनार को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि मुंबई में बहुत से बिल्डर हैं
जो अपने नहीं बिके हुए स्टॉक को क्लियर नहीं कर रहे हैं और कीमतों के बढ़कर 35,000-40,000 रुपये प्रति स्क्वॉयर फीट पर पहुंचने का इंतजार कर रहे हैं। कहा कि वे गलती कर रहे हैं. बैंकों, वित्तीय संस्थाओं और निजी कर्जदाताओं का ब्याज बढ़ रहा है।
गडकरी ने बिल्डरों को पूरे समर्थन का आश्वासन देते हुए अपने प्रतिनिधियों को हाउसिंग और वित्त मंत्रालय के साथ प्रधानमंत्री दफ्तर (पीएमओ) में भेजने का सुझाव दिया जिससे वे वर्तमान संकट से मुकाबला करने के लिए तरीके बता सकें। इस वेबिनार में कोरोना वायरस की वजह से आए संकट से जूझने और घरों की मांग बढ़ाने के लिए गडकरी ने बिल्डरों को कई सुझाव दिए। उन्होंने ग्रामीण इलाकों में कारोबार का विस्तार करने, रोड कंस्ट्रक्शन में विविधता लाने और अपनी खुद की हाउसिंग फाइनेंस को स्थापित करने को सुझाव दिए। ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री का उदाहरण देते हुए गडकरी ने कहा कि रियल एस्टेट कंपनियां अपनी खुद की हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों को स्थापित करने के बारे में सोच सकती हैं, जिससे वे ग्राहकों को कम दर पर लोन दे सकें और बैंक पर पूरी तरह से निर्भर न होना पड़े।
गडकरी ने होम लोन पर कम ब्याज दरों के साथ ज्यादा लंबी अवधि की वकालत की जिससे ग्राहक की ईएमआई कम बनी रह सके। गडकरी ने बिल्डरों को सुझाव दिया कि लालची न हों।आपको प्रीमियम प्राइस नहीं मिलेगा। जो कीमत मिल रही है, उस पर अपनी प्रॉपर्टी को बेचें और आगे बढ़ें। यह सुझाव उन्होंने उन बिल्डरों को दिया जिनके पास बड़े स्तर पर ऐसी हाउसिंग यूनिट्स हैं जो बिकीं नहीं हैं।
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