दिल्ली सरकार ने हॉटस्पॉट या कंटेनमेंट जोन में रह रहे लोगों के लिए एक बड़ा आदेश जारी किया है. दिल्ली सरकार ने आदेश दिया है कि हॉटस्पॉट या कंटेनमेंट जोन इलाकों में 14 दिन के अंदर तीन बार हर व्यक्ति की स्क्रीनिंग की जाए.
नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने हॉटस्पॉट या कंटेनमेंट जोन में रह रहे लोगों के लिए एक बड़ा आदेश जारी किया है. दिल्ली सरकार ने आदेश दिया है कि हॉटस्पॉट या कंटेनमेंट जोन इलाकों में 14 दिन के अंदर तीन बार हर व्यक्ति की स्क्रीनिंग की जाए. दिल्ली सरकार के आदेश में कहा गया है कि ‘किसी भी इलाके को कंटेनमेंट जोन घोषित करने के 14 दिन में कम से कम 3 बार वहां रह रहे सभी लोगों की स्क्रीनिंग की जाए. अगर अभी तक किसी कंटेनमेंट जोन में स्क्रीनिंग नहीं हुई है तो अगले 3 दिन के अंदर पहली स्क्रीनिंग की जाए. इसके बाद प्रोटोकॉल के हिसाब से कोरोना टेस्ट किए जाएं.’
अभी तक हॉटस्पॉट या कंटेनमेंट जोन के अंदर हर घर के हिसाब से सर्वे किए जाते थे और अगर कोई दिक्कत नजर आती थी तब कार्रवाई की जाती थी. लेकिन अब हॉटस्पॉट या कंटेनमेंट जोन के अंदर रह रहे हर व्यक्ति की 14 दिन के अंदर तीन बार स्क्रीनिंग की जाएगी. हॉटस्पॉट या कंटेनमेंट जोन के अंदर लगातार बढ़ रहे कोरोना मामले देखते हुए दिल्ली सरकार ने ये फैसला किया है.
वर्धमान अपार्टमेंट में कोरोना को फैलने से रोकने के लिए हमने आपरेशन शील्ड लागू कर contain किया था। पिछले चार हफ्तों में वहां से एक भी नया केस सामने नहीं आया है और आज वर्धमान अपार्टमेंट को de-contain किया जा रहा है। वहाँ के लोगों के सहयोग से ही ये संभव हो पाया।
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) April 30, 2020
दिल्ली में 98 हॉटस्पॉट या कंटेनमेंट जोन हैं. जिन में अभी तक करीब 7,000 लोगों के सैंपल टेस्ट के लिए भेजे गए और 381 लोग कोरोना संक्रमित पाए जा चुके हैं. यह हाल तब है जब लॉकडाउन जारी है, इलाका सील है. इन कंटेनमेंट जोन या हॉटस्पॉट में करीब 5 लाख की आबादी सीलिंग की सख्ती के अंदर है. एक बात यह भी है कि हॉटस्पॉट या कंटेनमेंट जोन में रहने वाले लोगों के जो करीब 7,000 सैंपल लैब में टेस्ट के लिए भेजे गए हैं उनमें से बहुत से अभी लंबित हैं यानी इनके नतीजे नहीं आए हैं.
क्या है स्क्रीनिंग?
स्क्रीनिंग के अंदर कंटेनमेंट लोन या हॉटस्पॉट के अंदर रहने वाले हर व्यक्ति के शरीर का तापमान मापा जाएगा. देखा जाएगा कि व्यक्ति को किसी तरह के कोई लक्षण तो नहीं है या फिर वह बीमार तो नहीं है. क्लीनिंग के जैसे नतीजे आएंगे उसके आधार पर तय किया जाएगा कि व्यक्ति का कोरोना टेस्ट करवाना है या कुछ और उचित कार्रवाई करनी है.
क्या है सर्वे?
सर्वे के अंदर स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन के लोग हर घर में जाकर परिवार के लोगों की जानकारी इकट्ठा किया करते थे पूछताछ करते थे. इस सर्वे सिस्टम में यह आशंका थी कि लोग अपने बारे में सही जानकारी छुपा भी सकते थे. लेकिन जब हर व्यक्ति की स्क्रीनिंग होगी तो छुपने छुपाने की संभावना कम हो सकती है.
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