आईडिया टीवी न्यूज- मालचंद लोकडाउन रिपोर्टर की कलम से उत्तर प्रदेश:- कोरोना की दहशत में लोग इतने डरे हुए हैं कि पैदल चलने वालों को अपने नलों से जल्दी पानी भी पीने नहीं दे रहे हैं।वाह रे मानव समाज और तेरी मानवता।शायद ऐसे लोग कभी नहीं मरेंगे जो इतना डर रहे हैं कोरोना से।मानवता को भूल चुके हैं जो।🥰,😚कल मेरे घर के सामने से पैदल गुजरते हुए एक लड़के को लड़खड़ाते हुए पैदलपीठ पर एक थैला लिए जाते देखकर रोका।
बहुत पूछने पर उसने अपनी हालत बयां की। लड़का महाराष्ट्र के भिवंडी से ट्रक में सवार होकर आया था।पूरे चार हजार रुपये भाड़ा लिया था ट्रक चालक ने।लेकिन सभी लोगों को उसने जिला मुख्यालय से चालीस किमी दूर ही उतारकर चल दिया।बेचारे युवक ने बताया कि वह लालगंज आजमगढ़ से पैदलचलकर पैंसठ किमी की दूरी तय कर चुका था और अभी सात आठ किमी अभी भी जाना था।मैंने खाने के लिए पूछा कि कुछ खा पी लो लेकिन उसने कुछ भी खाने से सीधे मना कर दिया।लेकिन वह बता रहा था कि रास्ते में कोई उनलोगों को नलों से पानी तक नहीं लेने दे रहा था।कोई गाड़ी वाले लिफ्ट देने को तैयार नहीं थे।
अंधकार घना है कठिन घड़ी है, हिम्मत रखिए-हम इन सभी की सुरक्षा में खड़े हैं। सरकार तक इनकी चीखें पहुँचा के रहेंगे, इनके हक़ की हर मदद दिला के रहेंगे। देश की साधारण जनता नहीं, ये तो देश के स्वाभिमान का ध्वज हैं… इसे कभी भी झुकने नहीं देंगे। pic.twitter.com/bBf48DiluY
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 14, 2020
मैंने कहा कि इतनी तेज धूप है और अभी भी काफी दूर जाना है तो कहा कि जब थोड़ा सा रूक जाते हैं तो फिर नहीं चला जाता।इसलिए धीरे धीरे चलते जा रहे हैं।
मेरे लिखने का सिर्फ यही मतलब है कि हम सिर्फ इसलिए किसी को पास नहीं बैठने दे रहे हैं कि वह बाहर से आ रहा है, क्या पता कि उसे कोरोना हो।अगर ऐसा ही है तो वह दिन दूर नहीं जब सभी लोग एक दूसरे से नफरत करने लगेंगे सिर्फ इस लिए कि हो न हो उसे कोरोना न हो।घर में किसी को कोरोना हो जायेगा तो लोउसकी भी देखभाल ऐसे ही करेंगे।स्थिति बहुत बुरी होने वाली है।
इसलिए मेरी यही विनती है कि 👉🏽हे मानव,जीवन और मृत्यु तो उस परमपिता परमेश्वर के हाथ में है,फिर भी तू इतना दूर क्यों भाग रहा है।?मृत्यु तो कभी भी कहीं भीआ सकती है।जैसे औरंगाबाद में सत्रह लोगों को ट्रेन के पहिये से कटकर,या यूपी में दस लोग बस से कुचलगये जिसमें छःलोगों को अपनी जान गवानी पड़ी।
अब अगर वे वहीं रूके रहे होते तो शायद ये दुर्घटना नहीं होती।लेकिन मौत ने खींच लाया। अब विधि के लेख को हम मिटाने चले हैं।इलाज बिमारियों का है मौत का नहीं।
आईडिया टीवी न्यूज- Exclusive मालचंद लोकडाउन रिपोर्टर की कलम से उत्तर प्रदेश #ideatvnewslockdownreporter
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