केंद्र सरकार के कर्मचारियों को निकट भविष्य में अलग-अलग कामकाजी घंटों में काम करना पड़ सकता है। लॉकडाउन खत्म होने की स्थिति में भी दफ्तरों में कम उपस्थिति के साथ कामकाज की रणनीति बन रही है। डीओपीटी ने निकट भविष्य में सरकारी कामकाज के तरीकों को लेकर विस्तृत ड्राफ्ट एसओपी तैयार करके विभिन्न मंत्रालयों, विभागों से 21 मई तक इस पर सुझाव देने को कहा है। इस ड्राफ्ट में लॉकडाउन खत्म होने के बाद कर्मचारियों के लिए घर से काम करने के तरीके बताए गए हैं।
साल में 15 दिन घर से काम: डीओपीटी की ड्राफ्ट एसओपी में कहा गया है कि कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) अधिकारियों/कर्मचारियों को नीतिगत रूप से एक साल में 15 दिन के लिए घर से काम करने का विकल्प मुहैया करा सकता है। ड्राफ्ट के मुताबिक कोविड-19 वैश्विक महामारी ने सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए कई मंत्रालयों के लिए घर से काम करना अनिवार्य कर दिया है।
First special train to Kerala from Delhi reached Thiruvananthapuram Railway Station with 602 passengers, today. The passengers were screened after they reached the railway station. #COVID19 pic.twitter.com/dpt62f4zNO
— ANI (@ANI) May 15, 2020
घर से काम का पहला अनुभव शानदार : इसमें कहा गया है भारत सरकार के कई मंत्रालय/विभागों ने राष्ट्रीय सूचना-विज्ञान केंद्र की वीडियो कांफ्रेंसिंग और ई-कार्यालय सुविधाओं का लाभ उठाकर लॉकडाउन में कामकाज के अनुकरणीय नतीजे दिए व सफलतापूर्वक कामकाज किया। यह भारत सरकार में अपनी तरह का पहला अनुभव था।
दफ्तरों में उपस्थिति कम रहेगी : मंत्रालय ने कहा कि ऐसी संभावना है कि निकट भविष्य में केंद्रीय सचिवालय में कर्मचारियों की उपस्थिति कम रहे और कार्यस्थल पर सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए उन्हें अलग-अलग कामकाजी घंटों में काम करना पड़े। इससे कामकाज के सुचारू संचालन के लिए कर्मचारियों के लिए नई मानक संचालन प्रक्रियाएं तय की गई हैं। मंत्रालय/विभाग कर्मचारियों को लैपटॉप/डेस्कटॉप के रूप में सहयोग मुहैया कराएंगे।
कर्मचारियों को घर से काम करते हुए इंटरनेट सेवाओं के लिए भुगतान भी किया जा सकता है। जरूरत पड़ी तो अलग से दिशा निर्देश भी जारी किए जा सकते हैं।
प्रोटोकॉल का आकलन: एनआईसी गृह मंत्रालय के साथ विचार विमर्श कर गोपनीय फाइल/सूचना को हासिल करने के सुरक्षा प्रोटोकॉल का आकलन कर सकती है। सरकारी लैपटॉप पर केवल ऑफिस का ही काम कार्मिक मंत्रालय ने कहा जिन अफसरों को आधिकारिक लैपटॉप मुहैया कराए गए, वे यह सुनिश्चित करें कि इन पर केवल आधिकारिक काम ही हो। अंतर मंत्रालयी चर्चा, मंत्रालयों के बीच फाइलों के आदान-प्रदान ई-कार्यालय पर सुचारू रूप से हो सकता है।
Had an extensive interaction with @BillGates. We discussed issues ranging from India’s efforts to fight Coronavirus, work of the @gatesfoundation in battling COVID-19, role of technology, innovation and producing a vaccine to cure the pandemic. https://t.co/UlxEq72i3L
— Narendra Modi (@narendramodi) May 14, 2020
ई-ऑफिस में 80 फीसदी लक्ष्य: अभी 75 मंत्रालय/विभाग ई-कार्यालय मंच का इस्तेमाल कर रहे हैं,जिनमें से 57 ने अपने काम का 80 प्रतिशत से ज्यादा लक्ष्य हासिल कर लिया है। घर से गोपनीय फाइलों पर काम नहीं घर से काम के वक्त ‘गोपनीय दस्तावेजों/फाइलों’ को प्राप्त नहीं किया जा सकता है। गृह मंत्रालय के निर्देशों के अनुसार ई-कार्यालय से गोपनीय सूचना पर काम नहीं होगा। इसलिए घर से काम करने के दौरान ई-कार्यालय में गोपनीय फाइलों पर काम नहीं किया जाएगा।
21 मई तक दें सुझाव: एसओपी ड्राफ्ट में कहा गया है कि केंद्र सरकार के सभी विभागों को 21 मई तक अपनी टिप्पणियां भेजने के लिए कहा गया है। ऐसा न होने पर यह मान लिया जाएगा कि मंत्रालय/विभाग प्रस्तावित मसौदे से सहमत हैं।
एनआईसी को वीडियो कांफ्रेंसिंग को अधिक सुविधाजनक बनाने के लिए इसे मजबूत करने के लिए कहा गया है। दिशा निर्देशों में कहा गया है कि घर से काम कर रहे अधिकारियों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बैठकों में भाग लेते हुए कार्यालय का माहौल बनाए रखने के सभी नियमों का पालन करना चाहिए।
वीडियो कांफ्रेंसिंग का इस्तेमाल बढ़ाएं: इसमें कहा गया है कि घर से काम करते हुए एनआईसी की वीडियो कांफ्रेंसिंग सुविधा का महत्वपूर्ण बैठकों के लिए लाभ उठाना चाहिए। अधिकारी और कर्मचारी एनआईसी द्वारा उन्हें भेजे वीसी लिंक को एक्टिवेट कर बैठकों में भाग ले सकते हैं। कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए कार्यालयों में भी जितना संभव हो सके, वीडियो कांफ्रेंसिंग का इस्तेमाल करना चाहिए।
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