अमेरिका ने चीन से अपील की है कि वह तिब्बती बौद्ध धर्म गुरु 11वें पंचेन लामा को रिहा करे। पंचेन लामा जब छह साल के थे, तभी चीनी प्राधिकारियों ने उन्हें कैद कर लिया था। तिब्बत के गेझुन चोएक्यी न्यीमा को 1995 में 11वां पंचेन लामा घोषित किया गया था। तिब्बत में दलाई लामा के बाद पंचेन लामा बौद्ध धर्म से जुड़ा दूसरा सबसे बड़ा आध्यात्मिक पद है। इस घोषणा के कुछ दिन बाद ही न्यीमा लापता हो गए थे और वह दुनिया के सबसे कम उम्र के राजनीतिक कैदी बन गए थे।
Maldives: INS Jalashwa will commence its journey today from Male bringing back Indian citizens to Kochi, Kerala.
(Pic courtsey: High Commission of India in Maldives) pic.twitter.com/QNYU91b53K— ANI (@ANI) May 15, 2020
अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता के लिए अमेरिका के विशेष दूत सैम ब्रॉउनबैक ने बृहस्पतिवार को एक सम्मलेन के दौरान संवाददाताओं से कहा, ”वह कहां हैं, इसके बारे में हमें कोई जानकारी नहीं है। और हम पंचेन लामा को रिहा करने का दबाव चीनी प्राधिकारियों पर डालते रहेंगे। दुनिया को बताया जाए कि वह कहां हैं।
ब्राउनबैक ने एक सवाल के जवाब में कहा कि चीन अगला दलाई लामा नियुक्त करने के अधिकार में बारे में लगातार बात करता रहता है, जबकि उसे ऐसा करने का अधिकार नहीं है। इसी बीच, अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर काम करने वाले अमेरिकी आयोग (यूएससीआईआरएफ) ने विदेश मंत्रालय से पुन: मांग की है कि वह तिब्बती मामले के विशेष समन्वयक के पद पर भर्ती करे।
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